37 दिन की फजीहत के बाद भिंडरांवाला के गांव से हत्थे चढ़ा NSA में घिरा खालिस्तानी अमृतपाल; क्या होगा अब?
- 23 फरवरी को हजारों की भीड़ के साथ अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला करके साथी लवप्रीत सिंह उर्फ तूफान को छुड़वाया था
- 18 मार्च को जालंधर-मोगा रोड पर मलसियां में नाकाबंदी कर चुकी पुलिस को चकमा दे भागा, हाईकोर्ट भी लगा चुका कड़ी फटकार
मोगा. देश की सुरक्षा के लिए खतरा माना जा रहा खालिस्तानी अमृतपाल रविवार को आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। 37 दिन की फजीहत के बाद पंजाब पुलिस ने भगोड़े अमृतपाल सिंह को मोगा जिले में खालिस्तानी विचारधारा के जनक जरनैल सिंह भिंडरांवाला के गांव रोडे से गिरफ्तार किया है। पहले पुलिस पर हमला करने और फिर बाद में माहौल बिगाड़ने के आरोपी अमृतपाल की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुुए चंडीगढ़ के IGP सुखचैन सिंह गिल ने बताया कि अमृतपाल के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के वारंट जारी हुए थे। एक पुख्ता सूचना के बाद पुलिस ने खास ऑपरेशन चलाकर सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर मोगा जिले के गांव रोडे में गुरुद्वारे से उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधिकारी ने कहा कि एक ओर पुलिस ने गुरुघर की मर्यादा को भंग नहीं होने दिया, वहीं इस पूरे ऑपरेशन के दौरान पंजाब के लोगों ने शांति, कानून व्यवस्था बनाई रखी। इसके लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं। दूसरी ओर गुरुद्वारे के ज्ञानी जसबीर सिंह रोडे ने दावा किया है कि अमृतपाल ने सरैंडर किया है। बहरहाल, सूत्रों का मानना है कि पुलिस अमृतपाल को अब असम के डिब्रूगढ़ ले जा सकती है।
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गौरतलब है कि रूपनगर जिले के बरिंदर सिंह नामक युवक को किडनैप करके मारपीट के मामले में ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े लवप्रीत सिंह उर्फ तूफान गिरफ्तार किए जाने के बाद संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने हजारों समर्थकों के साथ 23 फरवरी को अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला कर दिया। बड़ा आरोप यह भी है कि यह हमला धर्म ग्रंथ की आड़ लेकर किया गया, ताकि पुलिस कोई सख्त एक्शन न ले सके। इस वारदात के बाद पंजाब पुलिस ने अमृतपाल के दाहिने हाथ तूफान को छोड़ दिया था, लेकिन बाद में कड़ी आलोचना के बाद शनिवार 18 मार्च को जालंधर-मोगा नैशनल हाईवे पर शाहकोट-मलसियां इलाके में फिर से घेरने की कोशिश की गई। यहां से भी पुलिस की आंखों में धूल झोंककर अमृतपाल अपने एक खास-म-खास पपलप्रीत के साथ भागने में कामयाब रहा। एक दावे के मुताबिक अब तक पुलिस 400 के करीब लोगों को पकड़ और इनमें से 198 को रिलीज कर चुकी है। अमृतपाल समेत 7 पर NSA लगाया गया है। यहां तक कि इसकी गिरफ्तारी नहीं होने के चलते पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट भी पंजाब की 80 हजार की नफरी वाली पुलिस पर सवाल उठा चुका है। साथ ही उसके साथियों की तरफ से लगाई अपील को भी खारिज करते हुए कोर्ट ने इस पक्ष के वकील को कड़ी फटकार लगाई थी। पूछा था, ‘अब तक 10 से ज्यादा अपील आप लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक यह साफ नहीं कर पाए हैं NSA में बंदी प्रत्यक्षीकरण कैसे संभव है। जब आरोपी असम की जेल में बंद हैं तो फिर उन्हें रिहा किए जाने की मांग वाली अपील यहां क्यों लगाई जा रही है’।
4 दिन पहले ही लंदन भागने की फिराक में पत्नी भी धरी गई
इधर, चार दिन पहले यानि बुधवार को ही पुलिस ने अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर को भी गिरफ्तार किया है। ध्यान रहे, यूनाइटेड किंगडम में रह रही किरणदीप कौर अनिवासी भारतीय है। इसके दादा ने 1951 में यूनाइटेड किंगडम में जाकर रहना शुरू किया था। हाल ही में 10 फरवरी को 28 साल की किरणदीप की शादी पंजाब के जल्लूखेड़ा निवासी अमृतपाल के साथ हुई थी। सुरक्षा एजैंसियों के मुताबिक किरणदीप कौर भी अलगाववादी संगठन बब्बर खालसा के संपर्क में थी। वह 2020 में यूनाइटेड किंगडम में पुलिस के राडार पर आ गई थी। हालांकि शादी के वक्त उसके रिवर्स वीजा पर भारत आने की बात कही गई थी कि अब वह यहीं रहेगी। बावजूद इसके वह लंदन भागने की फिराक में थी। बुधवार को 1.30 बजे की फ्लाइट पकड़ने के लिए 11.30 बजे जैसे ही अमृतसर के गुरु रामदास इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर पहुंची, अधिकारियों ने यहीं पर रोक लिया और पूछताछ शुरू कर दी।