Paavo Nurmi Games: ओलंपिक का अपना ही रिकॉर्ड तोड़कर भी गोल्ड से चूके नीरज चोपड़ा
- सिल्पर मैडल से कम नहीं हुआ आत्मविश्वास, अगले महीने हो रहे कॉमनवैल्थ गेम्स में गोल्ड की उम्मीद
हैल्सिंकी/नई दिल्ली/पानीपत. फिनलैंड में चल रही पावो नुरमी गेम्स (Paavo Nurmi Games) के मैदान से एक बड़ी खबर आई है। टोक्यो ओलंपिक में भाला फैंकने का रिकॉर्ड कायम करके देश के नाम पहला गोल्ड मैडल करने वाले हरियाणा के लाल नीरज चोपड़ा ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़कर नया रिकॉर्ड कायम किया है। हालांकि यह खबर उस वक्त थोड़ा मायूसीभरी रही, जब नीरज इस प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक (Gold Medal) से चूक गए।
ध्यान रहे 2021 में जापान के टोक्यो में आयोजित ओलंपिक गेम्स में हरियाणा के पानीपत निवासी नीरज चोपड़ा ने 87.58 मीटर दूर भाला फैंका था, जिसके बूते उन्हें पिछले साल ओलिंपिक में गोल्ड मिला था। अब करीब 10 महीने बाद फिनलैंड में हो रहे पावो नुरमी गेम्स (Paavo Nurmi Games) में नीरज पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में उतरे हैं। इस दौरान उन्होंने अपना पूरा फोकस ट्रैनिंग और रिकवरी पर लगाया।
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#NeerajChopra #Javelin #paavonurmigames #Finland
Neeraj Chopra finishes Second and on the way hitting his Personal Best 89.30.
This is a solid start by @Neeraj_chopra1 after #Tokyo2020
?? Another proud moment. pic.twitter.com/A60Fvx1iZe— Raj Kothari (@RajKotharii) June 14, 2022
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24 साल के नीरज ने अपनी पहली कोशिश में 88.07 मीटर का थ्रो किया। हीट में वह पांचवें नंबर पर थे। फाइनल्स में नीरज ने 86.92 मीटर थ्रो के साथ शुरुआत की। पहले राउंड में यह उनका बैस्ट थ्रो था। दूसरे प्रयास में 89.30 मीटर दूर भाला फैंककर अपना ही नैशनल रिकॉर्ड (टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मैडल दिलाने वाला 88.07 मीटर थ्रो) तोड़ दिया। तीसरी, चौथी और पांचवीं कोशिश में भी भरपूर कोशिश की, लेकिन वह गोल्ड मैडल अपने नाम नहीं कर पाए। फिनलैंड के ओलिवर हैलांडर ने 89.83 मीटर दूर भाला फैंककर मैडल जीत लिया।
वर्ल्ड एथलैटिक्स कॉन्टिनैंटल टूर में पावो नुरमी गेम्स डायमंड लीग के बाद सबसे बड़ी ट्रैक-एंड-फील्ड प्रतियोगिताओं में से एक मानी जाती है। नीरज इन खेलों में भाग लेने वाले इकलौते एथलीट भी थे। यहां भले ही वह सिल्वर मैडल के साथ लौट रहे हैं, लेकिन इससे उनका आत्मविश्वास जरूर बढ़ा होगा। अगले साल होने वाले वर्ल्ड एथलैटिक्स चैंपियनशिप और कॉमनवैल्थ खेलों में भी उनसे स्वर्णिम प्रदर्शन की उम्मीद है।