कहीं जालंधर पुलिस ही तो नहीं दिलवा रही हिंदू नेता की फैमिली को धमकी? Video Call में आतंकी ने खुलेआम कहा-पुलिस से ही पूछ लो मैं कौन हूं…
- शिवसेना राष्ट्रहित के प्रमुख सुभाष गोरिया के परिवार को ISI द्वारा संचालित संगठन लश्कर-ए-खालसा डेढ़ महीने से दे रहा है पंजाब छोड़ने के लिए धमकी
- कार्रवाई की मांग के लिए धरने पर बैठे थे हिंदू नेता ने आत्महत्या की कोशिश की तो पुलिस ने किया था शांति भंग करने का मामला दर्ज, अब फिर आई कॉल
जालंधर. पंजाब के जालंधर में हिंदू नेता सुभाष गोरिया और उनके परिवार को आतंकी लगातार धमका रहे हैं। कभी विदेश के तो कभी लोकल नंबरों से सुभाष को, उनके भाई को, पत्नी को, बेटों और बेटियों को रोज धमकी आ रही हैं और पुलिस है कि कोई कार्रवाई ही नहीं कर रही। अभी तक के हालात को देखकर तो पुलिस खुद सवालों के घेरे में आती दिख रही है। अगर ऐसा नहीं होता तो फिर एक वीडियो कॉल में आतंकी संगठन की तरफ से यह नहीं कहा गया होता कि कमिश्नर और दूसरे अधिकारियों के पास हमारी सारी जानकारी है। हमारे नंबर भी हैं। आप कहीं भी चले जाओ, आपकी सुनवाई नहीं होने वाली। धमकी देने वाले ने साफ कहा कहा है, ‘आप उनसे ही पूछ लो कि मैं कौन हूं…’। इस बात पर अगर गौर करें तो बड़ा सवाल उठता है कि कहीं ये धमकियां जालंधर पुलिस ही तो नहीं दिलवा रही? हालांकि यह अभी जांच का मसला है कि धमकी देने वाले वीडियो में कितनी सच्चाई है। तह तक जांच करने के बाद क्या निकलकर आएगा?
बता दें कि शिवसेना बाल ठाकरे के प्रवक्ता रहे चुके और हाल ही में शिवसेना राष्ट्रहित के प्रमुख सुभाष गोरिया के परिवार को आतंकी संगठन लश्कर-ए-खालसा की तरफ से समय-समय पर जान से मार दिए जाने की धमकियां आती ही रहती हैं। पहले अप्रैल 2022 में तो फिर नवंबर में भी उनके परिवार को धमकाया गया। दिसंबर में जांच के बाद जालंधर कमिश्नरेट पुलिस ने मामला दर्ज करके आगे की कार्रवाई शुरू करने की बात कही, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि 23 नवंबर को उन्हें विदेशी नंबर से कॉल आई और जान से मारने की धमकी दी गई। इसे लेकर पीड़ित ने थाना-5 में शिकायत दी थी। 27 नवंबर को उन्हें सोशल मीडिया पर खालिस्तानी रैफ्रैंडम नाम की आईडी से जान से मारने की धमकी मिली। 29 नवंबर को उन्हें दोबारा जान से मारने की धमकी दी गई।
कथित आतंकी की तरफ से आई वीडियो कॉल सुनती शिवसेना नेता सुभाष गोरिया की पत्नी प्रवीन।इस संबंध में थाना डिविजन 5 में धारा 506 के तहत केस दर्ज किया गया था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। हालांकि पुलिस की तरफ से इंटरनैट का सर्वर चैक करवाने की बात कही गई थी कि यह कहां से चल रहा था। पुलिस के ढीले रवैये का नतीजा यह हुआ कि हिंदू नेता सुभाष गोरिया को कार्रवाई की मांग को लेकर गोरिया धरने का रास्ता अख्तियार करना पड़ा। अपने ही गोरिया कॉम्पलैक्स में धरने पर बैठे सुभाष गोरिया ने मजबूर होकर 22 दिसंबर 2022 को आत्महत्या की कोशिश कर डाली। हालांकि इस संबंध में पुलिस ने गोरिया के खिलाफ भी केस दर्ज कर लिया। दूसरी ओर आतंकी धमकियों के मामले में अब तक की कार्रवाई की बात करें तो संबंधित पर परिवार के आरोप में बहुत हद तक दम दिख रहा है कि पुलिस पुलिस आतंकियों पर नकेल कसना नहीं चाहती।
हाल ही में हिंदू नेता सुभाष गोरिया की पत्नी प्रवीन को आई एक वीडियो कॉल भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रही है कि पुलिस की दाल में जरूर कुछ काला है। अब न सिर्फ विदेशी नंबरों से, बल्कि लोकल नंबरों से भी धमकियां दी जा रही हैं। यह धमकी लश्कर-ए-खालसा नामक एक संगठन की तरफ से दी जा रही हैं, जो पाकिस्तान की खुफिया एजैंसी ISI द्वारा समर्थित और अफगानिस्तान के आतंकियों द्वारा प्रशिक्षित बताया जा रहा है।
नई कॉल में चंडीगढ़ में सीएम हाउस के पास बम मिलने वाली घटना का भी किया जिक्र, इसी से उठ रहे पुलिस पर सवाल
प्रवीन को कॉल करने वाले को साफ कहते सुना जा सकता है, ‘तुम्हें पहले भी कई बार कहा जा चुका कि पंजाब छोड़कर चले जाओ। अगर तुम्हें लगता है कि मैं मजाक कर रहा हूं तो वो तुम्हारी मर्जी, पर मैं मजाक नहीं करता। हम बात के पक्के हैं। जहां मर्जी चले जाओ, कहीं सुनवाई नहीं होनी। तुम गए हो, कमिश्नर के पास गए हो, डीसीपी के पास गए हो, एसीपी के पास गए हो-उन सबसे पात कर लो कि हम कौन हैं। उनके पास हमारे नंबर और दूसरी जानकारियां मौजूद हैं। सारा काम सरकार ही कराया हुआ है’।
इसी कॉल के दौरान धमकी देने वाले ने बीते दिनों चंडीगढ़ में सीएम हाउस के पास बम मिलने की घटना का हवाला देते हुए भी कहा है, ‘जब सीएम के घर के पास बम निकल सकता है तो फिर तुम्हारा घर क्यों नहीं हो सकता। इसीलिए कह रहा हूं कि तुम पंजाब छोड़कर चले जाओ। जितनी जल्द हो सके अपना पंजाब का घर खाली कर दो। अगर तुम लोग ऐसा नहीं करते हो और कल को कुछ हो गया तो उसकी जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी ही होगी’।
क्या करना चाहिए पुलिस को?
इस पूरे प्रकरण में आतंकियों के हौसले बुलंद होने के पीछे पुलिस की ढीली कार्यवाही नजर आ रही है। अगर नहीं तो फिर अब तक देशविरोधी ताकतों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। अगर हम गोरिया परिवार को धमकी के मामले में पुलिस कार्रवाई पर थोड़ा विस्तार से बात करें तो पुलिस ने विदेशी नंबरों को लेकर सर्वर चैक करवाने की बात कही थी। एक पल के लिए मान लेते हैं कि विदेशी नंबर पकड़ में नहीं आ सकते, लेकिन लोकल नंबरों 7609875306 और अन्य को ट्रेस करके उन पर तो पुलिस कार्रवाई कर ही सकती है। इसके अलावा पुलिस को इस बात भी जवाब ढूंढना होगा कि धमकी देने वाला पुलिस अधिकारियों के पास अपनी तमाम जानकारी होने की बात क्यों कह रहा है? पुलिस को इस वीडियो का पूरा सच सबके सामने लाना ही चाहिए, ताकि अपना खुद का दामन चाक होने से बचा सके और देशविरोधी ताकतों को फिर से ऐसा करने का मौका न मिले।