खालिस्तानी गुंडों ने ऑस्ट्रेलिया में जबरन बंद कराया भारतीय दूतावास, तमाशा देखती रही Police
ब्रिसबेन. भारत के टुकड़े करने का सपना देख रहे आतंकी संगठन खालिस्तान लगातार गुंडागर्दी पर उतरा हुआ है। ये लोग विदेशों में भी आए दिन भारतविरोधी गतिविधियों को अंजाम देते रहते हैं। इन्हीं में से एक ऑस्ट्रेलिया (Australia) भी है। ऑस्ट्रेलिया में लगातार हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ करते रहने और ब्रिसबेन स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तानी झंडा लहराने के बाद एक बार फिर से खालिस्तानियों ने दूतावास को निशाना बनाया है। आज खालिस्तानी गुंडों ने दूतावास को जबरन बंद करा दिया और डूबकर मर जाने की बात है कि कुछ नहीं कर सकी पुलिस यह तमाशा देखती रही।
बता दें कि 11 जनवरी की रात को मेलबर्न स्थित बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़ के साथ आतंकियों ने भारतविरोधी नारे लिखे थे। 80 के दशक में मारे जा चुके देश के टुकड़े करने का सपना देखने वाले खालिस्तानी विचारधारा के सरपरस्त जरनैल सिंह भिंडरांवाला को शहीद बताने की कोशिश की गई थी। इसके बाद 16 जनवरी को ऐतिहासिक श्री शिव विष्णु मंदिर में भी ऐसी ही घटना को दोहराया गया तो फिर गिने-चुने 12 दिन के भीतर 23 जनवरी को ऐसी ही तीसरी साजिश मेलबर्न के अल्बर्ट पार्क में बने इस्कॉन मंदिर में अंजाम दी गई। पोंगल उत्सव मनाने के लिए आए भक्तों ने मंदिर परिसर में भारतविरोधी नारे लिखे देखे। इसके बाद 22 फरवरी को ब्रिसबेन में भारतीय वाणिज्य दूतावास कार्यालय पर खालिस्तानी झंडा लगा दिया गया था। ब्रिसबेन में भारत की मानद कौंसल अर्चना सिंह ने पुलिस को शिकायत दी थी।
आतंकियों के हौसले इतने बढ़ गए कि बुधवार को खालिस्तान समर्थकों ने दूताबास के बाहर जमा होकर इसे बंद करने पर मजबूर कर दिया। हालांकि क्वींसलैंड पुलिस की मानें तो इस तरह के प्रदर्शन और भीड़ जमा करने की अनुमति नहीं थी, लेकिन बावजूद इसके पुलिस ने गुंडों को रोकने की जहमत नहीं उठाई।
लोग बोले-गुरुद्वारे जाते हैं तो भी धमकियां मिलती हैं हमें
खालिस्तान समर्थकों के हंगामे से परेशान क्वींसलैंड के निवासी परविंदर सिंह ने मीडिया को बताया कि अपने छोटे बेटे के ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया वाले कार्ड के संबंध में दूतावास में काम था, लेकिन यहां उसे बंद कर दिया गया है. अब क्या होगा? ऑस्ट्रेलिया में ऐसे प्रदर्शन, नारों और काम रोकने जैसी कार्रवाई की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। यहां तो हम गुरुद्वारे जाते हैं तो भी हमें धमकी दी जाती है। ये खालिस्तान समर्थक रोजाना हमारे कामों में दखल दे रहे हैं। इनसे पूरी ताकत से निपटने की जरूरत है.
ब्रिस्बेन में हिंदू मानवाधिकार की निदेशक सारा एल गेट्स ने कहा कि सिख फॉर जस्टिस ने अपने प्रचार के साथ उन्हें निशाना बनाने के बाद सुरक्षा चिंताओं के कारण भारतीय वाणिज्य दूतावास को आज बंद करने के लिए मजबूर किया।
मानद काउंसिल अर्चना सिंह ने कहा-पुलिस पर पूरा भरोसा
वहीं ब्रिसबेन में भारत की मानद काउंसिल अर्चना सिंह ने बताया कि पुलिस हमें सुरक्षित रखने के लिए क्षेत्र की निगरानी कर रही है। हमें पुलिस प्रशासन पर पूरा भरोसा है। दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीस ने 11 मार्च को नई दिल्ली में कहा था कि ऑस्ट्रेलिया में किसी भी धार्मिक इमारत में होने वाली किसी भी चरमपंथ की कार्रवाई या हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हिंदू मंदिरों पर हुए हमलों की जांच होगी और पुलिस अपना काम करेगी। हालांकि हालिया घटना पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।