पाकिस्तानी जुल्म से आजादी मिली तो अब IAS टीना डाबी का आदेश बना अत्याचार; झुलसा देने वाली गर्मी में खुले गगन के तले आ गए 150 विस्थापित हिंदू
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जैसलमेर. पंजाबी में एक पुरानी कहावत है, ‘मरेआं नू मारे शाह मदार’। यह कहावत चर्चित भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी टीना डाबी (IAS Tina Dabi) पर लागू होती नजर आई, जब उनके एक आदेश पर 150 से ज्यादा विस्थापित हिंदू खाल फूक देने वाली गर्मी के बीच खुले गगन के तले आने को मजबूर हो गए। मामला राजस्थान के जैसलमेर का है। दरअसल, कलैक्टर टीना डाबी के आदेश के बाद यूआईटी सहायक अभियंता की अगुवाई में पाकिस्तान से आए विस्थापित हिंदुओं के आशियाने पर बुलडोजर चलाया गया है। इसके बाद से हर तरफ IAS अफसर टीना डाबी की आलोचना हो रही है। साथ ही उल्लेखनीय पहलू यह भी है कि कुछ दिन पहले जोधपुर में भी पाकिस्तान में अत्याचारों और प्रताड़ना से परेशान होकर भारत आए हिंदुओं के आशियाने पर बुलडोजर चलाया गया था।
जानकारी मिली है कि जैसलमेर की अमर सागर पंचायत के सरपंच ने डिप्टी कमिश्नर और यूआईटी को अतिक्रमण संबंधी कई बार शिकायत की थी। यूआईटी ने करोड़ों की कीमत वाले इस भूखंड को खाली कराने के लिए जिला प्रशासन से मदद मांगी थी। उसके बाद विस्थापितों को जगह खाली करने के आदेश जारी कर दिए गए थे।
मंगलवार को जैसलमेर के नगर विकास न्यास ने अमर सागर पंचायत की जमीन से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की। जैसलमेर के अमर सागर क्षेत्र में रह रहे पाकिस्तान से आए हिंदुओं के मकानों को कलेक्टर टीना डाबी के आदेश के बाद ढहा दिया गया है। प्रशासन का कहना है कि ये विस्थापित परिवार अमर सागर तालाब के किनारे अवैध मकान बनाकर रह रहे हैं। इस कारण तालाब के पानी की आवक रुक गई। साथ ही यह भूमि काफी कीमती भी बताई जा रही है। इस कार्रवाई में जेसीबी, ट्रैक्टर और पुलिस का बड़ा अमला मौजूद रहा। अतिक्रमण को हटाने के दौरान लोगों ने विरोध भी किया।