14 बार के चैंपियन को हरा भारत ने रचा इतिहास, 73 साल बाद पहली बार जीता Thomas Cup
नई दिल्ली. खेल जगत से रविवार को एक बहुत बड़ी और दिल को छू लेने वाली खबर आई है। भारतीय बैडमिंटन टीम ने 14 बार Thomas Cup जीत चुकी इंडोनेशिया टीम को 3-0 से हराकर 73 साल का इतिहास बदल दिया। हमारी इस जीत पर बैडमिंटन में नई जान फूंकने वाले कोच पुलेला गोपीचंद ने उस लम्हे को सोशल मीडिया पर शेयर किया है, जिसमें हमारा झंडा सबसे ऊपर है और हमारा राष्ट्रगान बज रहा है।
बता दें कि रविवार को बैंकॉक में जो हुआ है, वह वाकई अकल्पनीय है। अनुभवी खिलाड़ी किंदाबी श्रीकांत (वर्ल्ड नंबर-11) जब कोर्ट पर उतरे तो उनके कंधों पर एक और सिंगल्स जीतने की जिम्मेदारी थी। उस वक्त भारत 2-0 की बढ़त पर था। फिर 48 मिनट चल मुकाबले में दाएं हाथ के इस शटलर ने अपने से ज्यादा रैंकिंग वाले जोनाथन क्रिस्टी को सीधे गेम में 21-15, 23-21 से हराया। हालांकि इससे पहले सिंगल्स में लक्ष्य सेन को एंथोनी सिनिसुका गिनटिंग से 8-21 से हार का सामना करना पड़ा। एक समय मुकाबला 8-7 पर था, लेकिन इसके बाद एंथोनी ने लगातार 12 पॉइंट बनाकर लक्ष्य को पूरी तरह मुकाबले से बाहर कर दिया। उन्होंने सिर्फ 16 मिनट में गेम को अपने नाम करके बढ़त बनाई। उसके बाद लक्ष्य ने शानदार वापसी करते हुए दूसरा गेम अपने नाम कर लिया। उन्हें 21-17 से जीत मिली। उसके बाद तीसरे गेम को भी 21-16 से जीत कर भारत को 1-0 से बढ़त दिलाई।
डबल्स के पहले गेम में चिराग शेट्टी और सात्विक को हार मिली। इंडोनेशिया की मोहम्मद अहसन और केविन संजया सुकामुलजो की जोड़ी ने गेम (सेट) को 17 मिनट में 21-18 से अपने नाम किया। चिराग शेट्टी और सात्विक साईराज रंकीरेड्डी ने दूसरे गेम में वापसी करते हुए मोहम्मद अहसन और केविन संजया सुकामुलजो की जोड़ी को 23-21 से हराया। इसके बाद तीसरा गेम 21-19 से जीतकर मुकाबला अपने नाम कर लिया।
आखिर हुआ यूं कि भारतीय बैडमिंटन टीम ने 14 बार के थॉमस कप विनर इंडोनेशिया को न सिर्फ 3-0 से हराया है, बल्कि यह खिताब हासिल करने वाला भारत अब छठा देश बन गया है। दरअसल, अब तक की बात करें तो सबसे ज्यादा 14 बार इंडोनेशिया ने थॉमस कप जीता है। 10 बार की जीत के साथ दूसरे नंबर पर चीन है। मलेशिया ने 5 बार तो जापान और डैनमार्क ने 1-1 बार यह खिताब जीता है। अब इस सूची में भारत का नाम भी आ गया है।
इस जीत के बाद खुशी से फूले नहीं समा रहे पुलेला गोपीचंद ने एक टीवी चैनल के साथ बात करते हुए इस उपलब्धि को 1983 के क्रिकेट वर्ल्ड कप से भी बड़ा बताया है। उन्होंने कहा, ‘मैं कहना चाहूंगा कि बैडमिंटन के लिए लिए यह उपलब्धि 1983 वर्ल्ड कप से बड़ी है। मुझे लगता है कि किसी ने ये कल्पना नहीं की होगी कि हम इस तरह का बड़ा कुछ जीतेंगे’। उधर, इस ऐतिहासिक जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय टीम के खिलाड़ियों को बधाई दी है। एचएस प्रणय ने एक सोशल मीडिया पोस्ट कर यह जानकारी दी है।