Eye Surgeon ने आर्थिक तंगी में लगाया मौत को गले; धरे रह गए गिनीज और लिम्का बुक रिकॉर्ड
- 1991-1993 में राष्ट्रपति के लिए मानद नेत्र सर्जन थे कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के सदस्य रहे हिसार के डॉ. अशोक गर्ग
- भारत और विदेशों में व्यापक रूप से पढ़ी जाती हैं आंखों की विभिन्न बीमारियों पर लिखी डॉ. अशोक गर्ग की 31 किताबें
- पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद लाश परिजनों को सौंपी, सुसाइड नोट के आधार पर पैसे मांग रहे 14 लोगों को किया नामजद
हिसार. हरियाणा के हिसार में देश के जाने-माने डॉक्टर अशोक गर्ग ने आत्महत्या कर ली। इस खौफनाक कदम के पीछे की वजह आर्थिक तंगी को बताया जा रहा है। आखिर जहर खाकर जान गंवा बैठा। गजब की बात है कि डॉक्टर के नाम दर्ज गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस और लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस किसी काम नहीं आ सके। सूचना के बाद स्थानीय पुलिस ने डॉक्टर की लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाने के साथ ही मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि प्राथमिक जांच में पुलिस ने मौके से दो पन्नों का एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है, जिसमें डॉ. अशोक गर्ग ने अपनी मौत के लिए 14 लोगों को जिम्मेदार बताया है। आरोप है कि ये लोग उधर लिए पैसे लौटाने के बावजूद परेशान कर रहे थे।
बता दें कि सोमवार को हिसार के अमरदीप कॉलोनी में रहते 61 वर्षीय प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डाॅ. अशोक गर्ग ने अपने घर पर ही कोई जहरीली चीज खा ली। डॉ. अशोक गर्ग के बेटे डॉ. अभिषेक निजी अस्पताल में आर्थो के डॉक्टर है। बेटी नेत्र चिकित्सा में डीएनबी कोर्स कर रही है। डाॅ. गर्ग की पत्नी हिसार की डॉ. अरुणा गर्ग मंगाली सीएचसी की इंजार्च हैं। जहर खा लिए जाने के बाद आनन-फानन में परिजनों ने डॉ. गर्ग को अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन वहां मंगलवार को उनकी मौत हो गई। शाम को पोस्टमॉर्टम के बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंपते हुए डॉ. अशाेक गर्ग को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में 14 लोगों को नामजद किया है। इस बारे में थाना आजाद नगर की पुलिस ने बताया कि डाॅ. अशोक गर्ग ने अपने सुसाइड नोट में 14 लोगों पर परेशान करने का आरोप लगाया है। इन सभी के नाम मोबाइल नंबर सहित लिखे है।
पुलिस के मुताबिक डॉ. गर्ग ने सुसाइड नोट में लिखा है कि कुछ समय पहले उसने कुछ रुपए उधार लिए थे। ब्याज समेत चुका देने के बावजूद पैसे मांग रहे ये लोग आए दिन मारने की धमकी देते हैं। उसकी उसकी पत्नी और बच्चों को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। वह और उसका पूरा परिवार इन लोगों से बुरी तरह से डरा हुआ है। और कोई चारा नहीं बचने के चलते मजबूर होकर आत्महत्या करनी पड़ रही है। पुलिस और न्यायालय इन लोगों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करें, ताकि ये उसके परिवार को तंग न कर सकें।
आरोप लगाया कि उसके और उसकी पत्नी के खिलाफ 138 के झूठे केस लगवाए गए हैं। इन्हीं में से एक केस 2019 में धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया था। आरोप बेच दी गई बिल्डिंग पर बैंक से लोन लेने का था। बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से फ्रॉड करने के मामलें में पुलिस ने 2020 में डॉक्टर अशोक गर्ग को गिरफ्तार कर लिया था। इसमामले में जमानत मिली तो इसी बीच कई लोगों ने पैसे वापस नहीं करने, चैक बाउंस होने के भी कई मामले कोर्ट में दर्ज करा दिए।
उल्लेखनीय है कि आई सर्जन डॉ. अशोक गर्ग कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के सदस्य भी रहे हैं। 1991-1993 में राष्ट्रपति के लिए मानद नेत्र सर्जन थे। उन्हें वैज्ञानिक सत्रों में सह-अध्यक्ष और मुख्य वक्ता के रूप में नेत्र विज्ञान कांफ्रेंस में भी आमंत्रित किया गया था। उन्होंने आंखों की विभिन्न बीमारियों पर कुल 31 किताबें लिखी हैं, जो भारत और विदेशों में व्यापक रूप से पढ़ी जाती हैं। अधिकतम संख्या में किताबें लिखने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने वाले पहले भारतीय नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं। उन्होंने 2006 में विश्वव्यापी वितरण के साथ नेत्र विज्ञान पर 12 पुस्तकें लिखी थी और गिनीज बुक और लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स में पहला नेत्र विज्ञान रिकॉर्ड दर्ज किया था। गिनीज रिकार्ड्स मैनेजमेंट टीम ने उन्हें इस बारे पत्र जारी किया था। अब ये रिकॉर्ड्स किसी काम नहीं आ सके।