Police Van में मना गुंडे का Birthday, केक लेकर आए गुर्गे तो Mobile पर बजा-‘भाई का बर्थ-डे है ना’
ठाणे. Bhaigiri in Maharashtra: महाराष्ट्र में भाईगीरी किस कदर हावी है। यह फिल्मों में ही नहीं, बल्कि असल जिंदगी (Real Life) में भी देखने को मिल जाता है। सोमवार को ठाणे से ऐसा ही एक मामला आया है, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिसगीरी (Policegiri) की खासी किरकिरी हो रही है। असल में एक गुंडे को कोर्ट ले जाया जा रहा था और ऐन वक्त पर गुर्गे आ गए। ये साथी गुंडे को छुड़वाने के लिए नहीं, बल्कि बर्थ-डे विश (Birthday Wish) करने के लिए आए थे। इनके हाथ में केक भी था। फिर पुलिस वैन भी रुकी और भाई का बर्थ-डे भी मना। मोबाइल पर धुन बज रही थी-‘भाई का बर्थ-डे है ना’।
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बता देना जरूरी है कि महाराष्ट्र के ठाणे में म्हारल गांव का रहने वाला रोशन झा एक कुख्यात अपराधी घोषित है। उल्हासनगर और आसपास में रोशन झा के नाम की काफी दहशत है। उस पर हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी, धमकी और मारपीट कई मामले दर्ज हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो की जब शब्द चक्र न्यूज ने पड़ताल की तो पाया कि शनिवार को आधरवाडी जेल से बदमाश रोशन झा को कल्याण कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था। पुलिस वैन जैसे ही कोर्ट कॉम्पलैक्स (Court Complex) में दाखिल हुई, पहले से वहां मौजूद झा के कई गुर्गे हाथ में केक लेकर पुलिस वैन के पास पहुंचे। इसके बाद रोशन ने आराम से केक काटा और उसके गुर्गों ने बाहर खड़े होकर उसे हैप्पी बर्थ-डे विश (Birthday Wish) किया। साथ ही फोन पर ‘भाई का बर्थ-डे है ना’ की धुन भी बजाई।
वायरल हुए वीडियो में दिख रहा है कि रोशन पुलिस वैन के अंदर था और उसके तीन-चार दोस्त केक लेकर आए और रोशन ने पुलिस वैन की खिड़की से लकड़ी के चाकू से केक काटा। वैन के अंदर कई पुलिस कांस्टेबल और पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की और उसे जन्मदिन मनाने दिया। एक बदमाश ने पूरी घटना का वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। इसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया और बड़े अधिकारियों ने जांच का आदेश दे दिया है।
कल्याण अधरवाड़ी के जेल अधीक्षक ए सदफुले ने कहा, ‘आरोपी हत्या के एक मामले में पिछले चार साल से जेल में है। हम सुनवाई के लिए अदालत से आरोपी को भेजने के लिए सभी आदेशों और प्रोटोकॉल का पालन करते हैं। यह पूरी तरह से हमारे अधिकारियों का नाम खराब करने का विचार है। कल्याण ग्रामीण पुलिस स्टेशन से एस्कॉर्ट पुलिस टीम को बुलाया गया था और उसकी गतिविधियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी उनकी थी।’ इन तमाम दलीलों के बीच इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि जिस तरह से पुलिस वालों ने लापरवाही बरती है, उसके चलते भविष्य में कोई बड़ा कांड नहीं हो जाएगा। पुलिस को अपनी औकात समझनी चाहिए।