घोर कलियुगी बहन ने भाई को बना लिया यार, पति-पत्नी न बन सके तो दोनों ट्रेन से कटे; 100 घंटे बाद भी नहीं हुआ अंतिम संस्कार
धनबाद (झारखंड). आज का युवा अपने मूल को भूलकर समाज को किस कदर कलंकित करने की राह पर चल पड़ा है, इस बात का एक जीता-जागता उदाहरण हाल ही में झारखंड के धनबाद से सामने आया है। यहां एक युवती ने मां-बाप के अरमानों और समाज के उसूलों को ताक पर रखकर अपने भाई को ही यार बना लिया। इसके बाद एक और जुल्म तो यह भी कर बैठी कि उसका हाथ पकड़कर ट्रेन से भी कट गई। फिलहाल पिछले 100 घंटे से भी ज्यादा से पुलिस इन दोनों की लाशों को डीप फ्रीजर में डालकर इनके परिजनों के आने का इंतजार कर रही है और परिजनों से सिर्फ 4 किलोमीटर का सफर तय नहीं हो रहा। इसी के चलते आशंका जताई जा रही है कि उन्होंने ही इन दोनों को निपटाया होगा।
दरअसल, बुधवार को धौखरा हाल्ट के पास एक युवक और युवती के श्व मिले थे। आशंका दोनों ने ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर लेने की जताई जा रही थी। पुलिस ने दोनों लाशों को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि ये जिले के भोर बलियापुर के पलानी गांव के रहने वाले थे और दोनों रिश्ते में एक-दूसरे के भाई-बहन लगते थे। बताया जा रहा है कि विवाह हो नहीं सकने की स्थिति में दोनों ने जान दे दी। उनकी लाशें पुलिस ने एसएनएमएमसीएच के डीप फ्रीजर में रखवाई है।
अब इस मामले में अब बड़ी और हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि बलियापुर थाना पुलिस के पास उनके माता-पिता की भी जानकारी है। बावजूद पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी है। पुलिस इंतजार कर रही है कि मृतकों के परिजन खुद थाने आकर प्राथमिकी कराएंगे। दूसरी ओर मौत की खबर को जिस तरह से परिजन पचा रहे हैं, उससे सवाल यह भी उठ रहा कि कहीं सम्मान के नाम पर हत्या तो नहीं कर दी गई है। इस बारे में बलियापुर थानेदार एसके यादव ने कहा था कि 72 घंटे तक पुलिस इंतजार करेगी। शवों पर कोई दावा करने नहीं आया तो पुलिस अंतिम संस्कार कराएगी। शनिवार को 72 घंटे भी बीत गए। बावजूद पुलिस चुप है। हालांकि उन्होंने गांव में संपर्क करने की जानकारी दी है। बलियापुर थानेदार कहते हैं कि साफ शब्दों में गांव में संदेश दे दिया गया है कि जो भी स्वजन हैं वे आकर शव ले जाएं। बाद में कुछ उजागर होता है तो बचेगा कोई नहीं। इधर, पलानी के मुखिया प्रतिनिधि धमेंद्र तुरी कहते हैं कि उनकी पंचायत में ऐसी घटना की कोई जानकारी नहीं है।