लेडीज अंडर गारमैंट्स में मिली ईमानदार बैंक मैनेजर की लाश उठा रही पंजाब की राजनीति और पुलिस पर सवाल; घर वाले बोले-1 करोड़ की घूस कबूल नहीं की तो दी गई जलील मौत, हत्यारों के साथ मिल खाकी वाले धक्के से बना रहे सुसाइड केस
- 9 जून को लुधियाना के अमरपुरा में किराये के मकान में संदिग्ध हालात में फंदे पर लटकी मिली थी फिरोजपुर निवासी बैंक मैनेजर विनोद मसीह की डैड बॉडी
- शब्द चक्र न्यूज के साथ अपना दर्द सांघ्झा करते हुए मृतक विनोद के भाई वरुण ने उठाए सवाल, सवा 9 मिनट में कही गई हर बात कर रही है भ्रष्टाचार की तरफ इशारा
फिरोजपुर. पंजाब के औद्योगिक महानगर लुधियाना में सीनियर बैंक मैनेजर की जलील मौत के बाद पूरे प्रदेश में नौकरी कर रहे बैंक मैनेजरों और दूसरे विभागों के ईमानदार लोगों में खौफ का माहौल है। एक ओर पुलिस सुसाइड बता इस केस से पल्ला झाड़ती नजर आ रही है, वहीं यह कहानी प्रदेश की राजनीति और पुलिस दोनों पर सवाल उठा रही है। मृतक बैंक मैनेजर विनोद मसीह के घर वालों का आरोप है, ‘1 करोड़ रुपए की घूस कबूल नहीं करने का नतीजा है कि कत्ल के बाद लाश के इतनी जलालत की गई। औरतों के अंत:वस्त्र पहनाकर लाश को दरवाजे की कुंडी के साथ लटका दिया गया। नेता को हथकड़ी लगी तो उसके बाद से ही विनोद को जान से मार दिए जाने की धमकियां मिल रही थी। अब दुश्मन अपना काम कर गए, लेकिन पुलिस अपना काम करने की बजाय हत्यारों के साथ मिली हुई है और कत्ल की कार्रवाई करने की बजाय सुसाइड बताकर अपना पीछा छुड़वाने की घटिया कोशिश कर रही है’।
बता दें कि बीती 9 जून को लुधियाना के अमरपुरा इलाके में एक घर से संदिग्ध हालात में बैंक मैनेजर की लाश बरामद हुई थी। हैरत की बात यह है कि फंदे के सहारे लटकी मिली मैनेजर की बॉडी पर जनाने अंडर गारमैंट्स थे और उसके हाथ बंधे हुए थे। पता चला है कि फिरोजपुर की बस्ती टैंकां वाली का निवासी विनोद कुमार मसीह लुधियाना में कैनरा बैंक में सीनियर मैनेजर के पद पर कार्यरत था। वह पिछले 2 साल से अमरपुरा में किराये रह रहा था। इस खौफनाक मंजर से तीन दिन पहले ही उसका जन्मदिन था और उसे घर पर ही मनाकर दो अगले दिन वापस लुधियाना आया था। सुबह जब कोई हलचल नहीं दिखी तो मकान मालिक ने रिश्तेदारों को सूचित कर दिया। फिर कमरे का दरवाजा तोड़कर बेहद हैरानीजनक स्थिति में लाश बरामद की गई थी।
इस मामले में न सिर्फ विनोद मसीह के घर वालों (भाई और अन्य) का आरोप है कि विनोद की हत्या की गई है, बल्कि मौके के सबूत भी इसी तरफ इशारा कर रहे हैं। मौके से सामने आए एक वीडियो पर गौर किया जाए तो उसमें साफ दिख रहा है कि विनोद के पैर किसी आराम कुर्सी पर बैठे हुए आदमी से भी ज्यादा मुड़कर जमीन पर लगे हुए थे। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कोई 6 फीट के करीब कद वाला व्यक्ति दरवाजे की चिटकनी के साथ फंदा लगा सकता है?
इसके अलावा मृतक विनोद मसीह के भाई वरुण की मानें तो विनोद को कत्ल सिफ इसलिए किया गया है कि यहां शिरोमणि अकाली दल से ताल्लुक रखते एक नेता की तरफ से 1 करोड़ रुपए की घूस को उसने कबूल नहीं किया और नेता के शैलर पर ताला जड़वाते हुए उसे जेल पहुंचाने का काम किया था। अब इस मामले में पुलिस की कार्यशैली भी कुछ ठीक नहीं लग रही। हत्यारों के साथ मिलकर पुलिस इसे आत्महत्या करार देने पर तुली हुई है। इतना ही नहीं, पुलिस वालों ने लाश की बेअदबी भी की। एंबुलैंस को बुलाए बिना और हमारे पहुंचने से पहले ही कपड़े में डालकर बुरी तरह से घसीटते हुए लाश को अस्पताल भेजा है।
वरुण की मानें तो इससे भी बड़ी चिता की बात यह है कि फिरोजपुर शहरी हलके के आम आदमी पार्टी विधायक रणबीर सिंह भुल्लर या उनकी तरफ से नहीं, बल्कि किसी भी पार्टी से कोई नेता उनके हाल को समझने नहीं आया है। अब वह प्रदेश के मुख्यमंत्री भगवंत मान से अपील करते हैं कि जल्द से जल्द इस संबंध में इंसाफ की दिशा में कदम उठाया जाए। वह मुख्यमंत्री को पुलिस के खिलाफ अपनी शिकायत भेज भी चुके हैं।
अब सोचने वाली है कि अगर मौके के साक्ष्यों और मृतक बैंक मैनेजर विनोद मसीह के परिजनों के आरोपों पर गौर करें तो इससे पंजाब की राजनीति और पंजाब पुलिस दोनों पर सवाल उठ रहे हैं। साथ ही लुधियाना के अलावा पूरे पंजाब के बैंक मैनेजरों में खौफ का माहौल है। दबी जुबान में लोगों का कहना है कि ईमानदारी से कौन नौकरी कर पाएगा। अगर घूस नहीं ली तो फिर जिंदगी भी बड़े जलील तरीके से खत्म कर द जाएगी। पंजाब सरकार को इस मामले में जल्द ही कड़े से कड़े कदम उठाने चाहिए।