‘काठ की हांडी’ से दोबारा राहत के पुलाव नहीं पका सके OP Chautala; जाना पड़ा Jail
चंडीगढ़/सिरसा. एक मुहावरा है, ‘काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती…’ शुक्रवार को यह पूरी तरह से चरितार्थ होता दिखा। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को एक बार फिर जेल जाना ही पड़ गया। आय से अधिक संपत्ति मामले में अदालत ने 4 साल की सजा सुनाई और इसके बाद यहां तक भी कह डाला, ‘जो भी मैडिकल टैस्ट करवाने हैं, जेल में करवाएं’। इसके तुरंत बाद उन्हें कस्टडी में ले लिया गया।
बता देना जरूरी है कि 2005 में कांग्रेसी नेता शमशेर सिंह सुरजेवाला की शिकायत पर CBI ने ओमप्रकाश चौटाला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज करवाया था। आरोप पत्र दाखिल किया था कि निर्धारित अवधि के दौरान ओमप्रकाश की आय उनकी 3.22 करोड़ रुपए की आय से 189 प्रतिशत अधिक थी। अजय चौटाला के पास उनकी आय से 339.27 प्रतिशत अधिक संपत्ति थी। मई 1993 से मई 2006 के बीच उनकी आय 8.17 करोड़ रुपए रही। अभय चौटाला की संपत्ति 2000 से 2005 के बीच के आयकर आंकड़ों के अनुसार 22.89 करोड़ रुपए की उनकी कमाई से पांच गुना अधिक की थी। मामले में ED ने 6 करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क कर ली है। इसमें तेजाखेड़ा फार्म हाउस के अलावा दिल्ली, पंचकूला और सिरसा की प्रॉपर्टी शामिल है।
CBI ने इस मामले में चौटाला के खिलाफ 106 गवाह पेश किए। इनकी बिनाह पर 21 मई को अदालत ने ओमप्रकाश चौटाला को दोषी करार दे दिया। वकील ने अदालत में दलील दी कि ओमप्रकाश की उम्र 87 साल है और लंबे समय से बीमार हैं। उनके पास 60 प्रतिशत दिव्यांगता का सर्टिफिकेट है, लेकिन अब वह 90 प्रतिशत दिव्यांग हो चुके हैं। स्वास्थ्य खराब रहता है और अपने कपड़े भी खुद बदल नहीं पाते। इसके बाद गुरुवार को दिल्ली की राउज एवैन्यु कोर्ट ने वकीलों की बहस के बाद सजा पर फैसला सुरक्षित रखा था। शुक्रवार को अदालत ने 4 साल की कैद और 50 लाख रुपए का जुर्माने की सजा सुनाई है। इन 50 लाख में से 5 लाख रुपए CBI को दिए जाएंगे। कोर्ट के फैसले के मुताबिक जुर्माना नहीं भरने पर ओमप्रकाश को 6 महीने की सजा अतिरिक्त भुगतनी पड़ेगी। अदालत ने हेली रोड, पंचकूला, गुरुग्राम, असोला की संपत्तियां भी सीज करने के आदेश दिए हैं। गजब चौंकाने वाली बात यह भी है कि आरोपी ने मैडिकल रिपोर्ट करवाने के लिए 10 दिन का समय मांगा था, लेकिन कोर्ट ने कहा कि जो मैडिकल टैस्ट करवाने हैं, जेल में ही करवाएं। इस पर उन्हें कस्टडी में ले लिया गया। हालांकि कोर्ट में मौजूद ओमप्रकाश के बेटे अभय चौटाला ने वकीलों के साथ रायशुमारी करके हाईकोर्ट जाने की बात कही है।
पहली बार यहां मिली थी राहत
यहां ध्यान देने वाली बात यह भी है कि पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला JBT भर्ती घोटाले में जेल में रह चुके हैं। रोहिणी स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने 16 जनवरी 2013 को ओमप्रकाश चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला और तीन सरकारी अधिकारियों को 10 साल की कैद का हुक्म दिया था। सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के कारण ओमप्रकाश चौटाला की करीब आठ माह पहले विशेष छूट के तहत सजा पूरी हो गई थी। अब फिर उसी विकलांगता और बढ़ती उम्र का हवाला दे चौटाला राहत मांग रहे थे, लेकिन CBI के वकील ने दलील दी है कि पूर्व CM को कम सजा देने से गलत संदेश जाएगा। यही वजह रही कि उम्र के लिहाज और विकलांगता काठ की हांडी साबित हुए।