Killer Lady Series-3: यह महिला शादी के 18वें दिन छोड़ गई CM के बेटे को, 11 महीने में लौटी; किया ये कांड
दिल्ली. समझ में नहीं आता कि कुछ पल के लिए आदमी अपनी औकात, अपने सारे सपने कैसे भूल जाता है। उससे भी बड़ी बात यह भी है कि कई घर उजाड़ने वाले ऐसे आदमी को अपने किए पर कोई पछतावा भी नहीं होता। Killer Lady Series-3 में आज हम जिक्र कर रहे हैं UP के पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित की मर्डर मिस्ट्री का, जिसमें हाल ही में कभी भी कातिल बीवी को कोर्ट सजा का फैसला सुना सकता है। आइए जानते हैं इस Killer Lady की पूरी साजिश के बारे में…
बात 2014 की है, 35 साल के एक युवक को उसके बाप का नाम मिला था। नाम था रोहित। 1979 में पैदा हुए रोहित को पता नहीं था कि उसका बाप कौन है? इसी सवाल का जवाब हासिल करने के लिए 2008 में उसने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। कोर्ट के ऑर्डर पर DNA जांच ने साबित कर दिया कि रोहित की रगों में नेता नारायण दत्त (ND) तिवारी का खून बह रहा है। 88 साल की उम्र में ND तिवारी ने रोहित की मां उज्ज्वला शर्मा से शादी की। सभी दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में साथ रहने लगे।
शादी के लिए लड़की ढूंढने का क्रम शुरू हुआ तो एक मेट्रोमोनियल साइट पर रोहित का संपर्क इंदौर की हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष पीके शुक्ला अपूर्वा शुक्ला से हुआ। अपूर्वा रोहित का प्रोफाइल खोला तो बायो में पिता का नाम ND तिवारी और उनके आगे एक्स CM यूपी, उत्तराखंड लिखा था। अपूर्वा को वकालत के साथ पॉलिटिक्स में भी कैरियर बनाना था, इसलिए वह शादी के लिए ऐसा ही लड़का ढूंढ रही थी। उसने तुरंत मैसेज कर दिया। रोहित ने भी रिप्लाई कर दिया। दोनों पहली बार लखनऊ में मिले। कुछ दिन बाद दोनों के रिश्तों में कड़वाहट आई और दूर हो गए। कुछ दिन बाद ही फिर से एक हो गए। 31 मार्च 2018 को दिल्ली के एक होटल में सगाई के बाद दोनों ने मैक्स अस्पताल में भर्ती ND तिवारी से आशीर्वाद लिया। 11 मई को दोनों की धूमधाम से शादी हुई।
शादी समारोह के दौरान मायूस दिख रही, मगर बाद में हर काम में आगे रही महिला को लेकर अपूर्वा के मन में शक पैदा हो गया। खोजबीन निकालने पर उसने पाया कि वह कोई और नहीं, बल्कि करीब 8 साल पहले ब्याही रोहित की पत्नी थी। इस बात पर तकरार हुई तो शादी के 18वें दिन अपूर्वा ससुराल छोड़कर इंदौर चली गई। वसीयत के मुताबिक तिवारी खानदान की 60% संपत्ति पर रोहित और 40% संपत्ति पर उसके भाई सिद्धार्थ का अधिकार था। सिद्धार्थ ने अपने हिस्से की कुछ संपत्ति उस बच्चे के नाम कर दी थी, जिसे अपूर्वा रोहित का बेटा मानती थी। संपत्ति में अपना हिस्सा न देखकर ही उसने घर छोड़ा था। रोहित को तलाक का नोटिस भेज दिया तो मामला कोर्ट में चला गया। काफी समझाने पर तलाक का मामला खत्म हो गया और 30 मार्च 2019 को अपूर्वा वापस रोहित के पास लौट आई।
11 अप्रैल 2019 को उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाने थे। रोहित और मां उज्ज्वला के साथ रोहित की पत्नी समझी जा रही महिला भी काठगोदाम गई। वहां जाने के बाद महिला और रोहित ने नशा किया। रोहित ने अपूर्वा को वीडियो कॉल कर दिया। वीडियो कॉल में रोहित और वह महिला आपत्तिजनक हालत में दिखे। साथ ही वह एक ग्लास से ही ड्रिंक करते नजर आए। रोहित ने महिला को छिपाने की कोशिश की, लेकिन तब तक अपूर्वा देख चुकी थी। 15 अप्रैल को रोहित अपनी मां और भाई के साथ दिल्ली आ गया। मां खाना खाकर सरकारी आवास में चली गई तो घर में रोहित, सिद्धार्थ के अलावा अपूर्वा, नौकर मार्था, नौकर गोलू और ड्राइवर अखिलेश थे। रात में रोहित और अपूर्वा के ‘उस महिला’ को लेकर फिर तकरार हुई। नौबत मारपीट तक आई तो नशे में होने के चलते रोहित अपूर्वा से हल्का पड़ गया। अपूर्वा ने पूरी ताकत से रोहित का गला दबा दिया। इसके बाद बैड पर पड़े तकिये से मुंह सांस टूटने तक बंद रखा। Wife से Killer बनने के बाद सबूत मिटाने के लिए अपूर्वा ने पहले अपना मोबाइल फोन फॉर्मेट किया। घर में लगे सात CCTV कैमरों में दो को खराब कर दिया।
16 अप्रैल को रोहित पूरा दिन बाहर नहीं दिखा और नौकर कमरे में पहुंचा तो अचेत पड़े रोहित की नाक से खून बह रहा था। उसके बताने पर अपूर्वा और उज्ज्वला एम्बुलेंस से रोहित को मैक्स हॉस्पिटल लेकर पहुंची, जहां डॉक्टरों ने रोहित को मृत घोषित कर दिया। उज्ज्वला बेटे रोहित की हत्या का शक था। उसने यह भी नोट किया कि अपूर्वा लोगों के सामने तो रोती है, लेकिन पीछे से नॉर्मल बिहेव करती है। यह बात मीडिया में भी आई। साथ ही PM रिपोर्ट में मौत की वजह गला दबाना मिली। पुलिस ने CCTV फुटेज खंगाले तो कोई भी बाहरी व्यक्ति अंदर आते नहीं दिखा। अपूर्वा पर शक बढ़ा, लेकिन पूछताछ में वह हर बार बयान बदलती रही। पुलिस को क्लू मिला कि मौत एक से दो बजे के बीच हुई तो फिर रोहित के फोन से रात दो बजे से चार बजे फोन किसने किया? अपूर्वा ने उसी रात अपना फोन क्यों फॉर्मेट किया? इन सवालों का जवाब मिलने पर पुलिस ने 24 अप्रैल 2019 को अपूर्वा को गिरफ्तार कर लिया। 518 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई। हाल ही में 7 जनवरी 2022 को उसे पहली बार दिल्ली की साकेत सत्र न्यायालय ने जमानत दे दी। यह अलग बात है कि पूरी तरह से खुल चुके इस केस में कोर्ट जल्द ही अपूर्वा के लिए सजा का ऐलान कर सकता है।