चाइना डोर के सौदागरों ने बस्ती टैंकां वाली को बनाया सैंटरप्वाइंट, जिंदगी के प्रति गंभीर लोगों की अपील-छोटे दुकानदारों को परेशान करने की बजाय बड़े मगरमच्छों को पकड़े पुलिस
सोहन सिंह चोपड़ा/फिरोजपुर
पंजाब के सरहदी शहर फिरोजपुर की बस्ती टैंकां वाली में शुक्रवार देर शाम इलाके के लोगों ने चाइना डोर बेचने वालों के खिलाफ प्रदर्शन किया। बस्तीनिवासियों ने चाइना डोर सौदागरों की मुर्दाबाद के नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि मौत के सौदागरों ने बस्ती टैंकां वाली को सैंटरप्वाइंट बना लिया है। चाइना डोर बेचने के लिए ये लोग पुलिस की सख्ती के बावजूद बस्ती टैंकां वाली में कुछ कथित दुकानदारों के पास उनके कथित स्टोर में रखवाकर बिकवा रहे हैं। इन लोगों ने बताया कि पुलिस प्रशासन कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति ही कर रही है। एकाध जगह से छोटे-मोटे दुकानदारों पर कार्रवाई करके पुलिस अपनी पीठ थपथपाती रहती है और मौत के बड़े सौदागर बेखौफ अपना काम कर रहे हैं। डीसी और एसएसपी से अपील की है कि इन बड़े मगरमच्छों पर कार्रवाई की जाए।
ध्यान रहे, लोहड़ी और बसंत पंचमी के त्यौहार सिर पर आ रहे हैं। इन दोनों ही त्यौहारों के मौके पर पंजाब में पतंगबाजी का एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। बहुत से लोग पतंग उड़ाने के लिए चाइना मेड डोर का इस्तेमाल करते हैं। इसके पीछे के दो कारण प्रमुख हैं-एक तो यह बाजार में स्वदेशी डोर से सस्ते में मिल जाती है। दूसरा सिंथेटिक और धातू मिश्रित होने की वजह से मजबूत भी है। पतंगबाजों को लगता है कि दूसरा पतंगबाज उनकी पतंग को नहीं काट पाएगा। इसके दूसरी तरफ यह भी हर कोई जानता है कि चाइना डोर जिंदगी के लिए बहुत बड़ा खतरा है।
ऐसे मामले एक ढूंढेंगे तो हजार मिल जाएंगे
8 फरवरी 2022 का दिन था और मौका था बसंत पंचमी का, लेकिन फिराेजपुर का एक परिवार चाइना डोर की वजह से मातम में डूब गया। 5 साल की एश्लीन कौर अपनी मां के साथ स्कूल में पैरेंट्स मीटिंग में गई थी। वापस लौटते समय जीरा गेट के पास मां-बेटी दोनों चाइना डोर की चपेट में आ गई। डोर उनके गले में फंस गई। उन्होंने उससे बचने की कोशिश की तो स्कूटी से नीचे गिर गई। मासूम एश्लीन कौर की गर्दन कट गई। बदहवास मां ने फोन करके परिवार वालों को मौके पर बुलाया और एश्लीन को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। अगले दिन बच्ची जिंदगी की जंग हार गई। यह तो एक बानगी है। ऐसे मामले एक ढूंढेंगे तो हजार मिल जाएंगे।
इसलिए सैंटरप्वाइंट बनी बस्ती टैंकां वाली
इसमें कोई दो राय नहीं कि सूबे में चाइना डोर बेचने और इस्तेमाल करने पर पाबंदी लगाई हुई है। पुलिस कार्रवाई भी करती है, लेकिन यह कार्रवाई सिर्फ खानापूर्ति भर ही होती है। सबसे बुरे हालात सीमांत शहर फिरोजपुर की बस्ती टैंकां वाली के हैं। शुक्रवार को चाइना डोर बेचने वालों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे बस्ती टैंकां वाली के सुरिंदर पाल, मोहित चोपड़ा, शुभम मेहता, नरेश खुल्लर, प्रवीण बाली, सोनू सोलंकी, हरीश अरोड़ा, बिट्टू अरोड़ा, सरदार मोहन सिंह और अन्य ने बताया कि फिरोजपुर प्रशासन ने शहर और छावनी में चाइना डोर की बिक्री पर पाबंदी लगा रखी है। विधायक रणवीर भुल्लर की अपील के बाद जागी पुलिस ने सख्ती बरतना शुरू किया है, लेकिन चाइना डोर के सौदागरों ने बस्ती टैंकां वाली को सैंटरप्वाइंट बना लिया है। चाइना डोर बेचने के लिए ये लोग पुलिस की सख्ती के बावजूद बस्ती टैंकां वाली में कुछ कथित दुकानदारों के पास उनके कथित स्टोर में रखवाकर बिकवा रहे हैं।
इन लोगों ने बताया कि पुलिस प्रशासन कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति ही कर रही है। एकाध जगह से छोटे-मोटे दुकानदारों पर कार्रवाई करके पुलिस अपनी पीठ थपथपाती रहती है और मौत के बड़े सौदागर बेखौफ अपना काम कर रहे हैं। अगर पुलिस कार्रवाई करती है तो फिर बच्चों को पतंग उड़ाने के लिए चाइना डोर कैसे मिल जाती है। क्या करती हैं पुलिस की छापामार टीमें। इन लोगों ने डीसी और एसएसपी से अपील की है कि मौत के इन बड़े सौदागरों पर नकेल कसकर आम जन और बेजुबान पशु-पक्षियों की जान बचाने का पुण्य कमाए।