आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ की मांग-40 हजार के स्टाफ के लिए स्थायी नीति बनाए प्रदेश सरकार; तब तक किसी की नौकरी न जाए
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स्वास्थ्य विभाग और जल शक्ति विभाग से स्टाफ को हटाए जाने के बाद जिला मुख्यालय पर की आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ की जिला इकाई ने बैठक
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याद दिलाया-CM सुखविंदर सिंह सुक्खू और DCM मुकेश अग्निहोत्री ने कही थी 6 महीने में स्थायी नीति लाने की बात
राजेन्द्र ठाकुर/चंबा
हिमाचल प्रदेश के चंबा में आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ की जिला स्तरीय बैठक जिला मुख्यालय पर हुई। इसकी अध्यक्षता संघ के प्रधान ललित शर्मा ने की। इस बैठक में जिला चंबा में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों ने भाग लिया। इस बैठक के माध्यम से कर्मचारी महासंघ जिला चंबा ने प्रदेश सरकार से मांग उठाई की प्रदेश में जो भी कर्मचारी आउटसोर्स के माध्यम से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, उन्हें उनके पदों से ना हटाया जाए।
दरअसल, अभी कुछ दिन पहले ही प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग और जल शक्ति विभाग से अनेक कर्मचारियों को उनके पदों से हटाया गया है। इसी के चलते आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ ने मांग रखी है कि जब तक सरकार के द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए स्थायी नीति नहीं बनाई जाती है, तब तक किसी भी कर्मचारियों को उनकी सेवा से ना हटाया जाए। साथ ही संघ ने मांग रखी कि प्रदेश के 40 हजार आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने 6 महीने में स्थायी नीति लाने की बात कही थी, उसको शीघ्र ही दस्तावेज पूरे करके अंतिम रूप दिया जाए।
इस दौरान संघ के अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ को कांग्रेस सरकार पर पूरा भरोसा है जिस तरह उन्होंने पुरानी पेंशन को बहाल करें प्रदेश के कर्मचारियों को तोहफा दिया है उसी तरह प्रदेश के सबसे शोषित कर्मचारियों के लिए भी उनका भविष्य सुरक्षित किया जाएगा। इस बैठक के माध्यम से संघ ने एक बार फिर से सरकार से आग्रह किया कि शीघ्र अति शीघ्र इस मुद्दे पर प्रदेश सरकार कार्यवाही करें और कर्मचारियों को कंपनियों के चंगुल से छुड़ाकर अपने अधीन ले।