सरहदी जिले फिरोजपुर के सिटी और छावनी को मिला ‘हीरा-पुत्र’, बरसों से हर किसी के दुख-सुख का साथी; पिता की विरासत से नहीं-अपने दम पर बनाई राजनैतिक हैसियत
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पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी पूर्व खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी सत्तापलट से नाराज होने के बाद कॉन्ग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो चुके हैं
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पूर्व मंत्री के पुत्र अनुमीत सिंह हीरा सोढी भी रखते हैं हलके के गांवों में पैठ, सुख-दुख का साथी बनने को बनाई स्पैशल टीम; हर जगह पहुंचने का करते हैं प्रयास
फिरोजपुर. ज्यों-ज्यों 2024 नजदीक आता जो रहा है, त्यों-त्यों भारतीय जनता पार्टी (BJP) पंजाब में अपनी पैठ बढ़ाने में आए दिन नई इबारत लिख रही है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर और उनकी पूरी ब्रिगेड को शामिल करने के साथ रोज संगठन में बड़े-बड़े बदलाव कर रही है। इसी कड़ी में एक चेहरा और आजकल बेहद चर्चित है और वो है अनुमीत सिंह हीरा सोढी। प्रदेश के पूर्व खेल मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य राणा गुरमीत सिंह (जिनके नेतृत्व में रोज दर्जनों लोग पार्टी ज्वायन कर रहे हैं) के सुपुत्र अनुमीत सिंह हीरा सोढी फिरोजपुर का ‘हीरा-पुत्र’ बन चुके हैं। हों भी क्यों न वह इलाके में हर किसी के सुख-दुख के सांझी जो ठहरे। ऐसे में आने वाले वक्त में जहां सोढी परिवार की फिरोजपुर से चुनाव लड़ने की हसरत पूरी होने से कोई नहीं रोक सकता, वहीं भारतीय जनता पार्टी को भी इस परिवार से अनुमीत सिंह के रूप में एक प्रबल दावेदार मिलता दिख रहा है।
बता दें कि फिरोजपुर जिले के गुरुहसहाय से चार बार विधायक और पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में खेल मंत्री रह चुके राणा गुरमीत सिंह सोढी पिछले बरस हुए राजनैतिक उलटफेर के चलते कॉन्ग्रेस का हाथ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। अब वह पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सदस्य के रूप में सुशोभित हैं। ध्यान रहे, भाजपा ज्वायन करते वक्त पूर्व खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने कहा था, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वास पैदा किया है। मैं 40 साल कॉन्ग्रेस में रहा और अब भाजपा ज्वायन करने का यह फैसला मैंने बहुत सोच-समझकर लिया है। पंजाब को सिर्फ बीजेपी ही बचा सकती है’।
इसके बाद गुरुहरसहाय से निकलकर अब राणा गुरमीत सिंह सोढी फिरोजपुर शहर में अपने पैर मजबूत कर चुके हैं। इसी के साथ एक और खास बात यह भी है कि उनके पुत्र अनुमीत सिंह हीरा सोढी एक समाजसेवक के रूप में अच्छी-खासी पहचान बना चुके हैं। शायद ही कोई दिन होगा, जब अनुमीत सिंह हीरा सोढी को कभी स्कूलों में छात्राओं को साइकल बांटते देखे जा सकता है तो कभी आम जनता के साथ पतंग उड़ाते भी वह नजर आ जाते हैं।
इसके अलावा उन्होंने अपनी ही एक टीम तैयार कर रखी है, जो इलाके में आम जनता के साथ सीधे जुड़ी हुई है। चाहे किसी के यहां खुशी का माहौल हो या फिर परमात्मा की मर्जी से आई दुख-संताप की घड़ी, अनुमीत सिंह हीरा सोढी उसमें शरीक होने का हर संभव प्रयास करते हैं। अगर किसी कारणवश वह खुद नहीं पहुंच पाते तो उनकी ब्रिगेड का कोई न कोई पदाधिकारी या सदस्य उनकी हाजिरी पूरी करता है। इसी की वजह से अब लोग अनुमीत सिंह हीरा सोढी को उनके नाम से कम, बल्कि ‘हीरा-पुत्र’ के नाम से जानने लग गए हैं।
उधर, अब जबकि भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में अपने संगठन को मजबूत करने में दिन-रात मेहनत कर रही है तो नए नेताओं की तलाश में फिरोजपुर में यह अनुमीत सिंह हीरा सोढी के नाम पर आकर खत्म होती दिख रही है। पिछले चुनाव में भी माना जा रहा था कि वह गुरुहरसहाय से अपने पिता की राजनैतिक विरासत संभाल सकते हैं, पर अब सीन बदल चुका है। यह परिवार भाजपा के साथ फिरोजपुर की राजनीति में पूरी तरह से पैठ बना चुका है।