VIDEO: ‘श्रवण बहू’ ने निभाया पति का साथ, सास-ससुर को कांवड़ में बिठाकर 150 KM की पैदल यात्रा

सुल्ताननपुर/जहानाबाद. सावन का महीना शुरू हो चुका है, भगवान भोलेनाथ को खुश करने का एक खास महीना। शिवरात्रि नजदीक है। ऐसे में कांवड़िये तो आपको बहुत देखने को मिल जाएंगे, पर इन दिनों सामने आए एक वीडियो को देखकर आप भी कहे बिना नहीं रह सकेंगे-भई वाह बहू-बेटा हों तो ऐसे। वैसे भी त्रेता युग के मातृ-पितृभक्त श्रवण कुमार की तरह बेटे तो बहुत से मिल जाएंगे, लेकिन कलियुग के इस श्रवण कुमार (चंदन कुमार) जैसी जीवनसंगिनी शायद ही किसी और को मिले, जो उसके माता-पिता की जिम्मेदारी का भार कंधे से कंधा मिलाकर उठा ले।
‘कलियुग के श्रवण’ चंदन कुमार जैसे बेटे तो बहुत, पर कांधे से कांधा मिलाकर चलने वाली उनकी पुण्यात्मा पत्नी रानी जैसी बहुएं हर किसी को नहीं मिलती…
इनकी जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है The Inspiration https://t.co/Pt3LHGtBZM
— Shabda Chakra News (@TvSahab) July 18, 2022
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो की जब शब्द चक्र न्यूज ने पड़ताल की तो पाया कि यह सुल्तानपुर से वायरल हुआ है और इसमें दिखाई दे रहा परिवार बिहार जहानाबाद का रहने वाला है। इस बारे में जहानाबाद के चंदन कुमार ने बताया कि हम हर महीने सत्यनारायण व्रत का पूजन करते हैं। उसी दौरान मन में माता जी-पिता जी को बाबाधाम की पैदल तीर्थ कराने की इच्छा हुई, लेकिन माता जी और पिता जी काफी वृद्ध हैं। वो इतनी लंबी यात्रा पैदल नहीं कर सकते। जब यह इच्छा अपनी पत्नी रानी को बताया तो इन्होंने काफी हिम्मत दी। इसके बाद हम दोनों ने माता-पिता की अनुमति ली और उन्हें कांवड़ में बिठाकर यात्रा पर निकल पड़े। रविवार को सुल्तानगंज से जल भरकर उस बहंगी में आगे पिता जी और पीछे माता जी को बिठाकर यात्रा शुरू की है।
उधर, बहू रानी देवी ने बताया कि पति की मनोकामना सिद्धि में भागीदार बनकर मुझे अत्यंत गौरवान्वित हो रहा है। हम लोग खुश हैं, वहीं और लोग भी हमें हिम्मत दे रहे हैं। इसके अलावा चंदन की माता जी से बात की गई तो उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि हम तो आशीर्वाद ही दे सकते हैं। भगवान से प्रार्थना है कि मेरे पुत्र और उसकी संगिनी को सबल बनाए रखें।