भोले भंडारी का चमत्कार; पिता ने कांवड़ का संकल्प किया तो बोलने लगी 12 साल की बेटी; अब मां आई गंगाजल लेने
वाराणसी. कल शिवरात्रि है, भोले बाबा को मनाने का विशेष दिन। इसी के लिए गंगौत्री, गौमुख, ऋषिकेश, हरिद्वार और बनारस लगभग हर गंगा घाट पर कांवड़ियों का मेला देखते ही बनता है। भई! आस्था बहुत बड़ी चीज है और यह ऐसे ही नहीं आती। भोलेनाथ हैं ही इतने दयालू कि हर किसी की मनोकामना पूरी करते हैं। अब करोड़ों कांवड़ियों में महिलाओं की संख्या भी बहुत ज्यादा है, जो किसी न किसी कामना को लेकर कांवड़ लेने पहुंची हैं। बनारस में गंगाजल भरने पहुंची कुछ महिलाओं से मीडिया ने बात की तो सबके अपने-अपने अनुभव थे। इन्हीं में से एक रीता ने बताया कि उनके पति ने कांवड़ का संकल्प किया तो उनकी गूंगी बेटी बोलने लग गई थी।
रीता जौनपुर की रहने वाली हैं। वह वाराणसी से कांवड़ लेकर 80 किलोमीटर पैदल चलकर जौनपुर के नौपेड़वा के साईंनाथ मंदिर जा रही हैं। रीता ने बताया कि पिछली चार बार उनके पति ने कांवड़ उठाई थी। इस बार वह मुंबई में हैं। कांवड़यात्रा के पीछे मनोकामना के बारे में बात करने पर रीता ने बताया कि उनकी 16 साल की छोटी बेटी गूंगी है। चार साल पहले जब उनके पति ने कांवड़यात्रा का संकल्प किया तो वह बोलने लग गई। अब पति की जगह वह खुद कांवड़ लेने पहुंची हैं, क्योंकि वह पति का काम बाधित नहीं करना चाहती और साथ ही आस्था का क्रम भी नहीं टूटना चाहिए। भगवान भोलेनाथ पर भरोसा जताते हुए रीता ने कहा कि उनकी मनोकामना थी कि 16 साल की बेटी बोलने लगेगी, तब वह कांवड़ लेकर जाएंगी। अब बेटी बोलने लगी है। भगवान शिव की कृपा से बेटी थोड़ा-थोड़ा बोल लेती है तो एक दिन वह उसे पूरी तरह से ठीक भी कर देंगे।