मंदिर कमेटी के कर्मचारियों ने की 12 साल की लड़की के दरिंदगी; घरों पर चला बुलडोजर
- मध्य प्रदेश के सतना जिले में कस्बा मैहर का है मामला, शुक्रवार सुबह 9 बजे जंगल में अधमरी हालत में मिली थी गुरुवार दोपहर से लापता बच्ची
- मंदिर कमेटी के कर्मचारियों ने सामूहिक दुष्कर्म के बाद गुप्तांग में डाली लकड़ी, घरी वालों ने सोचा-मर गई; बाद में पुलिस लेकर गई अस्पताल
सतना. मध्य प्रदेश के सतना में शनिवार को पुलिस प्रशासन ने दो अपराधियों के घरों पर बुलडोजर चला दिया। मामला सिर्फ 12 साल की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म (Gangrape) और जान से मार देने की कोशिश का है और इससे भी बड़ी शर्मनाक बात तो यह भी है कि दोनों हैवान मंदिर कमेटी के कर्मचारी बताए जा रहे हैं। शुक्रवार को जैसे ही मासूम बेटी के साथ दरिंदगी का यह मामना सामने आया इसके तुरंत बाद पुलिस ने हैवानों की पहचान करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। साथ ही मंदिर कमेटी ने भी इन्हें नौकरी से निकाल दिया है।
मामला सतना जिले के मैहर का है। इस संबंध में अभी तक मिली जानकारी के अनुसार मैहर स्थित मां शारदा देवी मंदिर से 500 मीटर दूर कुछ मजदूर परिवार रहते हैं। इन्हीं में एक गरीब परिवार की 12 साल की लड़की गुरुवार को दोपहर में घर के बाहर खेल रही थी। दो-तीन घंटे तक नजर नहीं आने पर परिवार के सदस्यों ने ढूंढना शुरू किया तो कुछ पता नहीं चला। पूरा मोहल्ला रातभर बच्ची को ढूंढता रहा। शुक्रवार सुबह करीब 9 बजे मोहल्ले की एक महिला जंगल की ओर गई तो गोशाला के यह बच्ची पड़ी हुई दिखाई दी। हालत इतनी खराब थी कि मौके पर पहुुंचे परिजनों उसकी मौत की आशंका हुई। गुस्साई भीड़ बच्ची को मैहर थाने लेकर पहुंची तो वहां से पुलिस उसे अस्पताल लेकर पहुंची। अस्पताल जाने के बाद पता चला कि वह जिंदा है और उसके प्राइवेट पार्ट में लकड़ी डाली गई है। डॉ. सीमांका गर्ग ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे सतना जिला अस्पताल भेजा तो वहां से रीवा मैडिकल कॉलेज रैफर कर दिया गया।
पुलिस ने रविंद्र कुमार रवि और अतुल बढ़ौलिया के तौर पर आरोपियों की पहचान करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि दोनों बालिका को पहाड़ी पर ले गए। वहां उसके साथ सामूहिक रूप से दुष्कर्म करने के बाद प्राइवेट पार्ट में लकड़ी डाल दी और वहीं छोड़कर फरार हो गए। पता चला है कि दोनों आरोपी मैहर के शारदा माता मंदिर की प्रबंध समिति के कर्मचारी थे, जिन्हें मामला सामने आने के बाद नौकरी से निकाल दिया गया है। पुलिस की तरफ से कोर्ट में पेश किए जाने के बाद दोनों को 10 अगस्त तक जेल भेज दिया गया है।
उधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना सामने आने पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई किए जाने की बात कही थी। इस निर्देश की पालना के लिए शुक्रवार को जब प्रशासनिक अफसरों की टीम अतुल बढ़ौलिया के घर को तोड़ने पहुंची तो वहां महिलाओं ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि वारदात के वक्त वह ड्यूटी पर था। उसे फंसाया जा रहा है। मामले में पूरी जांच के बाद ही कार्रवाई की जाए। हालांकि अफसरों ने उनकी जरा भी नहीं सुनी और बुलडोजर चला दिया। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ रविंद्र चौधरी के उदयपुर स्थित घर पहुंचे। वहां उसके मकान को भी तोड़ दिया गया।