कानूनी दांव-पेंच में फंसे भगवान राम, लक्ष्मण और देवी सीता के साथ 11 साल रहे UP Police की कस्टडी में
कानपुर. God Released After 11 Years From Police Custody: भगवान श्री राम त्रेता युग में पिता का वचन निभाने के लिए पूरे 14 साल तक वन-वन भटके थे। कलि युग में यूपी पुलिस (UP Police) की हिरासत में भी रहना पड़ गया, वह भी कोई दो-चार दिन नहीं, बल्कि 11 साल जैसे लंबे समय तक। दीवाली बीतने के लगभग 20 दिन बाद जब वह भाई लक्ष्मण और देवी सीता के साथ पुलिस की हिरासत से रिहा होकर अपने धाम पहुंचे तो लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। आइए जानते हैं कि क्या है पूरा कानूनी दांव-पेंच…
मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात का है। असल में वर्ष 2011 में कस्बा रूरा के बाजार वार्ड ठाकुरद्वारा मंदिर से चोरों ने भगवान श्री राम, लक्ष्मण और माता सीता की बेशकीमती मूर्तियां चुरा ली थी। परचून दुकानदार के राजेश और रामू गुप्ता ने बताया कि गांव रूरा निवासी उनके नाना रघुनाथ प्रसाद ने 1964 में ठाकुरद्वारा का निर्माण करवाया था। इसमें प्रभु राम, माता सीता और लक्ष्मण के अलावा अन्य देवी-देवताओं की अष्टधातु की मूर्तियां स्थापित कराई गई थी। 2011 में चोरों ने भगवान के घर में चोरी करते हुए प्रभु श्री राम माता सीता और लक्ष्मण की अष्टधातु की मूर्ति चुरा ली। उन्होंने (राजेश और रामू गुप्ता ने) चोरी की सूचना पुलिस को दी तो पुलिस ने मुकद्दमा दर्ज करते हुए मूर्तियां भी बरामद कर ली थी।
पुलिस ने पूरे मामले को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया। सुनवाई शुरू हुई, लेकिन इस बीच पूरे 11 साल बीत गए और भगवान थाना रूरा के मालखाने में कैद होकर रह गए। मंदिर में अभी तक मंदिर में दूसरे देवी-देवताओं की पूजा हो रही थी, लेकिन पर प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण और माता जानकी का दरबार खाली था। अब जबकि कानूनी दांव-पेंच खत्म हुए तो इन मूर्तियों को मालखाने से निकाला गया है। हालांकि मालखाने के अंदर भी भगवान की पूजा-अर्चना समय-समय पर होती रहती थी। धार्मिक अनुष्ठान कराकर इन्हें आचार्यों के द्वारा दरबार में स्थापित करा दिया जाएगा।
इस बारे में रूरा के थाना प्रभारी प्रवीन कुमार ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करते हुए भगवान की मूर्तियां सर्वराकार को सौंप दी गई हैं। उधर, कानूनी दांव-पेंच से छूटने के बाद मंदिर पहुंचे भगवान को देख ग्रामीण भावुक हो गए और जमकर जय श्री राम के नारों के बीच भगवान का स्वागत किया।