- विरोधी पार्टियों पर कसा तंज, कहा-सोशल मीडिया पर थोथे प्रचार के लिए दिल्ली दरबार से कई-कई लाख रुपए किए जा रहे हैं खर्च
- 3 बार पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट का चुनाव लड़ने के बाद क्षेत्र की राजनीति में पहली फाइट में ही दी थी परमिंदर पिंकी और राणा गुरमीत सोढी जैसे धुरंधरों को पटखनी
मनीष रोहिल्ला/फिरोजपुर
एक पुरानी कहावत है, ‘सौ साल जीना जरूरी नहीं, बल्कि छोटी सी जिंदगी में कोई ऐसा काम कर जाओ कि लोग सौ साल तक याद रखें’। विधानसभा हलका फिरोजपुर शहरी के आम आदमी पार्टी विधायक रणबीर सिंह भुल्लर इसी कहावत को चरितार्थ करने में लगे हुए हैं। वह रोज सैकड़ों लोगों के दुख-तकलीफ उनके बीच में जाकर सुनते हैं और फिर उन्हें दूर करने के लिए प्रयासरत हैं। विधायक भुल्लर का मानना है कि भले ही जमाना डिजिटल मीडिया का हो, पर वह डिजिटल मीडिया की बजाय लोगों के दिलों पर राज करने की तमन्ना रखते हैं। यही वजह है कि वह राजनीति में एकदम फिट हैं।
बता दें कि रणबीर सिंह भुल्लर आम आदमी पार्टी के फाउंडर मैंबर रह चुके हैं। पहले रणबीर सिंह भुल्लर एक छात्र नेता के रूप में सक्रिय रहे हैं। उनके दादा सुखचैन सिंह भी राष्ट्रीय पार्टी कॉन्ग्रेस से चुनाव लड़ चुके हैं। रणबीर सिंह भुल्लर पहले कई बार कॉलेज के प्रधान रहे हैं, वहीं उन्होंने तीन बार पंजाब यूनिवर्सिटी का सीनेट का चुनाव लड़ा। अब जब बड़े स्तर के राजनैतिक अखाड़े में उतरे तो पहली ही फाइट में विरोधी का पटखनी दे डाली।
2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी नेतृत्व ने भुल्लर पर विश्वास जताते हुए उन्हें टिकट दिया था। कॉन्ग्रेस के परमिंदर सिंह पिंकी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राणा गुरमीत सिंह सोढी जैसे राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ियों को धूल चटाकर विधानसभा पहुंच गए। भुल्लर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी परमिंदर सिंह पिंकी को 19,569 वोटों के अंतर से हराया। अब पिछले एक साल से फिरोजपुर शहरी हलके के विधायक के रूप में रणबीर सिंह भुल्लर जनता की सेवा कर रहे हैं। यह अलग बात है कि अखबारों और डिजिटल मीडिया प्लेटफार्म की रिपोर्टों में भुल्लर की सक्रियता न के बराबर है।
इसी पहलू पर जब शब्द चक्र न्यूज की तरफ से एक सवाल किया गया तो उसके जवाब में उन्होंने एकदम साफ लहजे में कहा कि वह सोशल मीडिया पर नहीं, बल्कि लोगों के दिलों पर राज करना चाहते हैं। एक अच्छा नेता वही होता है, जो लोगों के बीच रहकर उनके दुख-तकलीफ को समझे और उन्हें हल करने की दिशा में काम करे। बकौल विधायक रणबीर सिंह भुल्लर, वह रोज कम से कम 45-50 जनसमूहों के जरिये लोगों से सीधे संपर्क में रहते हैं। उनके सुख-दुख में सांझी होते हैं। भुल्लर की मानें तो उन्होंने अपने प्रवक्ता को भी रोज की छोटी-मोटी गतिविधियों को सोशल मीडिया पर नहीं डालने के लिए कह रखा है।
जहां इसके पीछे की वजह की बात है, भुल्लर का मानना है कि जब आप काम ही नहीं करोगे और सोशल मीडिया पर एक की चार बनाकर डालोगे तो यह सब थोड़े ही दिन के चोंचले होते हैं। उन्होंने कहा कि विराेधी पार्टियों के दिल्ली दरबार से सोशल मीडिया पर थोथे प्रचार के लिए भले ही कई-कई लाख रुपए खर्च किए जा रहे हों, पर वह लोगों के बीच रहना पसंद करते हैं। वोट तो आखिर जनता को ही देनी हैं। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी की तरफ से शासन व्यवस्था एकदम स्वच्छ तरीके से चलाई जा रही है। अफसरशाही पर किसी भी तरह का कोई दबाव नहीं है। फिरोजपुर पुलिस प्रशासन खुले मन से काम कर रहा है, जबकि उनसे पहले दबाव की राजनीति खूब होती रही है। फिरोजपुर के स्थानीय नेताओं की तरफ से पुलिस प्रशासन पर पूरा दबाव रहता था।
उधर, न सिर्फ फिरोजपुर के तमाम पुलिस अधिकारी भुल्लर के काम की तारीफ करते सुने जा सकते हैं, बल्कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मुक्तकंठ से भुल्लर की राजनीति की प्रशंसा कर चुके हैं। यह स्थानीय विधायक के प्रयासों का ही परिणाम है कि फिरोजपुर की जनता को अच्छी सेहत सुविधाएं देने के उद्देश्य से शुक्रवार को ही प्रदेश की सरकार ने यहां चार मोहल्ला क्लीनिक और खोले हैं। उधर, इलाके के लोग भी प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी और उससे कहीं ज्यादा अपने स्थानीय नेता रणबीर सिंह भुल्लर को साधुवाद देते नहीं थकते। उनका कहना है कि एक नेता के लिए सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना ही काफी नहीं होता और भुल्लर सही मायने में एक सकारात्मक राजनीति कर रहे हैं।