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नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) नेता अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट से अभी कोई आदेश नहीं आया है। अदालत ने उल्लेख किया कि उसका लक्ष्य मामले को अगले दिन समाप्त करना होगा या इसे अगले सप्ताह के लिए निर्धारित करना होगा। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला पार्टी के लिए बड़ा झटका है। इस बीच, दिल्ली की एक अदालत ने कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 20 मई तक बढ़ा दी है।
Delhi Court extends till May 20 the judicial custody of Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal in the money laundering case related to the alleged liquor policy scam.
Special judge Kaveri Baweja passed the order. #ArvindKejriwal #KKavitha pic.twitter.com/ykVlxd1Akr
— Live Law (@LiveLawIndia) May 7, 2024
बता दें कि अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को शराब नीति घोटाले से संबंधित कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था। मामला वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की उत्पाद शुल्क नीति के विकास और कार्यान्वयन में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के इर्द-गिर्द घूमता है, जिसे तब से रद्द कर दिया गया है। इस मामले में गिरफ्तार किए गए आम आदमी पार्टी नेता (AAP Leader) केजरीवाल अब तक न्यायिक हिरासत में चल रहे थे। इसकी समाप्ति के बाद मंगलवार को वीडियो-कॉन्फ्रैंस के माध्यम से अदालत में पेश हुए। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की न्यायाधीश कावेरी बावेजा की विशेष अदालत ने हिरासत 20 मई तक बढ़ा दी।
#BREAKING No interim order on bail for Arvind Kejriwal for now in the excise policy ED case. Matter likely to be taken up again on Thursday or next week for hearing @AamAadmiParty @ArvindKejriwal
— Bar and Bench (@barandbench) May 7, 2024
नहीं कर सकेंगे आधिकारिक कर्तव्यों का पालन
यह फैसला उसी समय आया, जब शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का सत्र चल रहा था। दो न्यायाधीशों वाली पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता ने संकेत दिया था कि वो केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने की संभावना तलाश सकते हैं। सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल के कानूनी प्रतिनिधियों को सूचित किया कि यदि मुख्यमंत्री को अंतरिम जमानत दी जाती है तो यह संभवतः इस शर्त पर होगी कि वह संभावित संघर्षों से बचने के लिए अपने आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करने से दूर रहेंगे।