सिर्फ गर्दन काट देने और आग में झोंक देने वालों का ही क्यों है ये अल्लाह?
‘हम तुम्हारी गर्दनें काट देंगे, अल्लाह की मर्जी से हम तुम्हें आग में झोंक देंगे,…ये तुम्हारा आखिरी ठिकाना होगा’। ‘अल्लाह वालों’ ने ऐसी ही घटिया शब्दावली का इस्तेमाल किया है। वाकया दुनिया के सबसे बड़े धर्म निरपेक्ष देश भारत की राजधानी दिल्ली का है। बुधवार को यहां और इससे सटे उत्तर प्रदेश के जिला गौतम बुद्ध नगर के नगर नोएडा के 100 के करीब स्कूलों में उस वक्त अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया, जब यहां एक के बाद एक धमकीभरी ई-मेल सार्वजनिक होने लग गई।
सारे स्कूल सुरक्षित हैं SPAM/HOAX मेल पर ध्यान न दें। @noidapolice की तरफ से @CP_Noida की सभी स्कूल प्रबन्धक/ अभिभावक से अपील है। किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें।
— CP Noida (@CP_Noida) May 1, 2024
आनन-फानन में दिल्ली पुलिस और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों ने सर्च ऑपरेशन चलाया। घंटों की मशक्कत के बाद हालांकि कहीं कुछ संदिग्ध नहीं मिला, सिवाय इस ओछी धमकी के। दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार जांच के दौरान पता चला है कि ई-मेल भेजने का यह पूरा मामला फर्जी है। पुलिस अब उस आरोपी तक पहुंचने की तैयारी में है, जिसने ये मेल भेजी थी। इसके लिए आईटी एक्सपर्ट्स से भी मदद ली जा रही है।
Spoke to the Police Commissioner and sought a detailed report into the bomb threats at schools in Delhi-NCR. Directed Delhi Police to carry out a thorough search in school premises, identify the culprits & ensure there are no lapses.
— LG Delhi (@LtGovDelhi) May 1, 2024
दूसरी ओर इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि इस धमकी का ताल्लुक आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) के साथ है। एक तो ई-मेल SAWARIM@mail.ru में इस्तेमाल डोमेन RU रूस का डोमेन है और दूसरा ई-मेल आईडी का यूजरनेम SAWARIM S अरबी भाषा के Salil al-Sawarim का छोटा रूप है। इसका मतलब Clashing Of The Swords यानि तलवारों की टक्कर होता है। Salil al-Sawarim को आतंकी संगठन ISIS ने 2014 में नारे की तरह इस्तेमाल करना शुरू किया था, जिसमें युद्ध और खून-खराबे को जायज ठहराया जाता है।
इतना ही नहीं, इससे भी बड़ी इस मेल की शब्दावली है। Email की पहली लाइन में कुरान की आयत लिखी हुई है, ‘जहां भी तुम मिलो उन्हें मार डालो और उन्हें उन स्थानों से बाहर निकाल दो, जहां से उन्होंने तुम्हें खदेड़ा है। अल्लाह ने हमें मौका दिया है कि इस्लाम के दुश्मनों के खिलाफ युद्ध में हम शहीद हो जाएं’।
हम तुम्हारी गर्दनें काट देंगे।
अल्लाह की मर्जी से हम तुम्हें आग में झोंक देंगे।
अल्लाह ने काफिरों के लिए आग की लपटें तय की हुईं हैं।
अल्लाह की इजाजत से हम आसमान को धुएं से भर देंगे।
बचपन से ही हम जेहाद की आग में जल रहे हैं।
अपनी इमारतों की छतों की तरफ देखो।
हम उन्हें तोड़ देंगे और उन्हें इसमें जला देंगे।
यही काफिरों का अंजाम है।
हम तुम्हारे पैरों के नीचे आग लगा देंगे।
ये तुम्हारा आखिरी ठिकाना होगा।
अब समझ से परे की बात यह है कि ये अल्लाह सिर्फ इन जेहादियों का ही है क्या? ये (अल्लाह वाले) और (इनका अल्लाह) आखिर चाहते क्या हैं? इन मुर्खों को इतना भी समझ नहीं आता कि स्कूल में जाना कोई पाप नहीं होता, जिसे ये अल्लाह वाले कुफ्र कहते हैं और अपने आप को छोड़कर बाकी सबको काफिर मानते हैं। अब अगर ऐसे सरेआम स्कूलों को बम से उड़ा देने की धमकी देकर दहशत फैलाने का ही काम इन्हें रास आता है तो फिर असल काफिर (खून-खराबा चाहने वाले) और इन काफिरों की तरफ से काफिर करार दिए गए लोगों में फर्क ही क्या है? इनके लिए ‘मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना’ के क्या मायने हैं?