ITI की छात्राओं को सिखाई मासिक धर्म और एनीमिया से निपटने की कला; चित्रकला और नारा लेखन में किशोरियों ने दिखाई प्रतिभा
'वो दिन योजना' कार्यक्रम के तहत किया महिला एवं बाल विकास विभाग ने शिविर का आयोजन
राजेन्द्र ठाकुर/चंबा
महिला एवं बाल विकास विभाग हिमाचल प्रदेश ने अपने खास कार्यक्रम ‘वो दिन योजना’ के तहम सोमवार को चंबा की वुमैन आईटीआई में एक दिवसीय शिविर का आयोजन किया। इसमें आयुष विभाग से डॉ. मीनाक्षी वैद आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र पल्यूर ने उपस्थित छात्राओं को एनीमिया और जीवन के सुनहरे प्रथम 1000 दिनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। छात्राओं से व्यक्तिगत विचार-विमर्श भी किया। छात्राओं ने भी इस दौरान मासिक धर्म से संबंधित गलत धारणाओं पर चित्रकला और नारा लेखन प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा दिखाई।
जिला कार्यक्रम अधिकारी राकेश कुमार के दिशा-निर्देश पर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्रिंसिपल के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में चित्रकला प्रतियोगिता में रीना कुमारी पहले, राहिला दूसरे और शबनम तीसरे स्थान पर रही। इसी तरह नारा लेखन प्रतियोगिता में अनीता रावत ने पहला, प्रियंका ने दूसरा और पूजा ने तीसरा स्थान पाया। शिविर में सभी प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरित किए गए। सभी छात्राओं को प्रचार-प्रसार सामग्री वितरित की गई।
आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र पल्यूर की आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. मीनाक्षी वैद ने छात्राओं को एनीमिया और जीवन के सुनहरे प्रथम 1000 दिनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। स्वास्थ्य विभाग से सीआर ठाकुर ने संतुलित आहार, एनीमिया और स्वछता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। विभाग की स्कीमों के बारे में बताया। विकास शर्मा ने बताया कि ‘वो दिन योजना’ कार्यक्रम के अंतर्गत समस्त परियोजना स्तर पर समस्त सशक्त महिला केंद्रों के माध्यम से इस योजना का प्रचार प्रसार किया जा रहा है। महिलाओ को मासिक धर्म के प्रति गलत धारणाओं के बारे जागरूक किया जा रहा है। जिला स्तर से स्कूलों और कॉलेज में इस योजना का प्रचार प्रसार किया जा रहा है।
आज वुमैन आईटीआई में आयोजित कार्यक्रम में इस कार्यक्रम में 150 छात्राओं और समस्त स्टाफ ने भाग लिया। इस दौरान पिरामल फाउंडेशन से विपिन कुमार कश्यप और उनके सहयोगी कर्मचारी ने एनीमिया और जंक फूड के नुकसान के बारे में जानकारी दी। महिला कल्याण अधिकारी शिवानी सूद ने छात्राओं से मासिक धर्म के प्रति शर्म और संकोच के खिलाफ खुलकर बात की।