दुनिया का पहला इंसान, जो कुदरती धड़कनों के बिना एक महीना रहा जिंदा; क्या था वो मामला?
किसी भी इंसान या जानवर से दिल के बिना जीवित रहने की उम्मीद करना बेमानी है। दिल की धड़कन जारी रहे तो जिंदगी है. इसके बाद सबकुछ मिट्टी में मिल जाता है, लेकिन आज हम एक ऐसे शख्स के बारे में बात करेंगे जो एक महीने से ज्यादा समय तक बिना दिल की धड़कन के जिंदा रहा। उन्हें दुनिया का पहला हृदयहीन व्यक्ति कहा जाता है।
घटना साल 2011 की है, जब टेक्सास हार्ट इंस्टीट्यूट के दो डॉक्टरों ने एक अनोखी डिवाइस बनाई और आधुनिक चिकित्सा की दुनिया में हलचल मचा दी. यह उपकरण बिना दिल की धड़कन के भी किसी को जीवित रख सकता है। इन दोनों डॉक्टरों ने सबसे पहले आठ महीने के बछड़े पर इस उपकरण का प्रयोग किया। दिल निकालने के बाद उन्होंने अपने बनाए उपकरण को बछड़े के शरीर में फिट कर दिया, जिसका उपयोग बछड़े के पूरे शरीर में रक्त की आपूर्ति करने के लिए किया जाता था। इतना ही नहीं ये प्रयोग 37 और बछड़ों पर भी किया गया.
जानिए अजीब बीमारी के बारे में
बाद में डॉक्टरों ने इस उपकरण का उपयोग करने के लिए क्रेग लुईस नाम के एक व्यक्ति को चुना। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 55 साल के क्रेग एक दुर्लभ ऑटोइम्यून बीमारी अमाइलॉइडोसिस से पीड़ित थे। यह बीमारी शरीर में असामान्य प्रोटीन बनाती है और दिल के अलावा किडनी और लीवर भी तेजी से फेल हो जाते हैं। क्रेग की हालत इतनी खराब हो गई कि डॉक्टरों ने ऐलान कर दिया कि वह 12 घंटे से ज्यादा जीवित नहीं रह पाएंगे। इसके बाद मार्च 2011 में क्रेग की पत्नी लिंडा ने डॉ. बिली कोहन और डॉ. बज़ फ्रैजियर से संपर्क किया। जब उन्होंने क्रेग का दिल निकालकर उसके स्थान पर अपना कृत्रिम उपकरण लगाया तो क्रेग धीरे-धीरे ठीक होने लगा। हालांकि, लीवर और किडनी फेल होने के कारण उनकी हालत एक बार फिर बिगड़ गई। अगले ही महीने यानी अप्रैल 2011 में क्रेग की मौत हो गई.