निकाह पढ़े जाने से ठीक पहले फट पड़े दूल्हे मियां; ससुरालियों को दी धमकी, अब हर कोई कर रहा तारीफ
उज्जैन. आज तक दहेज नहीं मिलने पर ऐन वक्त पर शादी से इनकार करते तो बहुत से दूल्हों को देखा और सुना होगा। बहुत सी दुल्हनें तो हाथों में मेहंदी सजाए और घर वाले स्वागत में पलकें बिछाए बैठे रहते हैं, लेकिन बाद में बारात नहीं आने पर मायूस भी होते हैं। मध्य प्रदेश में बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन के निकटवर्ती इलाके से इसके ठीक उलट मामला सामने आया है। यहां निकाह पढ़ने से ठीक पहले दूल्हे मियां को गुस्सा आ गया। वह ससुराल जनों पर एकदम बम के माफिक फट पड़े। यह अलग बात है कि उनका गुस्सा जायज था, नाजायज नहीं। अब हर कोई उसके गुस्से की वजह की तारीफ कर रहा है।
दरअसल, यह गुस्सा दहेज का सामान देखकर आया। निकाह से इनकार कर दूल्हे ने बड़े तल्ख लहजे में कहा, ‘जब हमने शादी से पहले ही कहा था कि हम उपहार के नाम पर कुछ भी नहीं लेंगे। फिर भी आप हमें ये सब क्यों देना चाहते हैं। नहीं चाहिए हमें ये सब। अगर आप जबरदस्ती करेंगे तो फिर मैं निकाह नहीं करूंगा’। बता देना जरूरी है कि खरसौदकलां निवासी शहजाद खां मंसूरी के बड़े बेटे यामीन मंसूरी (23) का निकाह रुनीजा निवासी जाकिर मंसूरी की पुत्री समीना बी के साथ तय हुआ था।
बीते दिन यामीन पूरी तैयारी के साथ गुजराती माली समाज के भवन में अपनी दुल्हन को लेने पहुंचा। बारात के स्वागत-सत्कार के बाद जब निकाह का समय आया तो यामीन और उसके पिता शहजाद खा मंसूरी ने वहां दहेज के रूप में बर्तन आदि देखे। इन्हें देखते ही वह भड़क गए। दुल्हन के पिता और उनके परिवार से कहा कि यदि आपने दहेज दिया तो हम निकाह नहीं करेंगे। हमने आपको पहले ही बता दिया था कि दहेज में हम कुछ भी नहीं लेंगे। दुल्हन समीना बी के माता-पिता और रिश्तेदारों के शगुन के तौर पर पांच बर्तन रखने का आग्रह भी उन्होंने ठुकरा दिया। निकाह के मंडप हर कोई दूल्हे व उसके परिवार की तारीफ कर रहा था।
यामीन के पिता शहजाद मंसूरी ने कहा किताबों में पढ़ा है कि दहेज लेना और देना अपराध है। जो माता-पिता कलेजे के टुकड़े को बिना कुछ लिए सामने वाले परिवार को दे देते हैं, उनसे भला दहेज कैसे लिया जा सकता है।