पिता ने Risk का छक्का लगाया तो All Rounder Cricketer बन पाए शिवम दुबे; बेच दिया था Jeans का सारा कारोबार
भदोही. हर कोई जानता है कि एक पिता अपनी संतान के लिए क्या कुछ नहीं करता। अगर एक पिता संघर्ष करना छोड़ दे तो फिर औलाद का कामयाब होना सपना ही बनकर रह जाता है। हालांकि इस बात में कोई दो राय नहीं कि माता-पिता का संघर्ष भी तभी फलता है, जब बच्चे उसे समझें और अपने हिस्से की ईमानदारी निभाएं। आज हम एक सफल क्रिकेटर शिवम दुबे की सफलता के पीछे के राज को जानेंगे। वही शिवम दुबे, जिन्हें हम आजकल एक ऑल राउंडर क्रिकेटर के तौर पर जानते हैं और जिन्होंने बीते दिन यानि सोमवार को गुजरात टाइटन्स (GT) के खिलाफ चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के अभेद्य किले की भूमिका निभाई। शिवम के इन मजबूत इरादों के पीछे एक पिता की परवरिश का हाथ है। बताया जा रहा है कि उन्होंने बेटे शिवम को क्रिकेटर बनाने के लिए अपना सारा कारोबार दांव पर लगा दिया था। आइए, इस कहानी को जरा करीब से जानते हैं…
उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के रहने वाले सिर्फ 25 साल के शिवम दुबे इन दिनों एक बेहतरीन क्रिकेटर के रूप में उभर रहे हैं। आईपीएल का ये सीजन उनके लिए काफी अच्छा गया है। उन्होंने आईपीएल 2023 में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए 16 मैचों में 418 रन बनाए हैं। उनका औसत 35.09 का है, वहीं स्ट्राइक रेट 158.84 का है। वह इस सीजन तीन अर्धशतक लगाने में भी कामयाब रहे हैं। हालांकि शिवम ने भारत के लिए भी उन्होंने कुछ मैच खेले हैं। 1 वनडे और 13 टी20 मैचों में क्रमश: 9 और 105 रन बनाए थे। यह अलग बात है कि किसी वजह से टीम में लगातार जगह बनाने में असफल रहे हैं।
सोमवार को चेन्नई सुपर किंग्स के इस ऑल राउंडर खिलाड़ी ने गुजरात टाइटन्स के खिलाफ 21 बॉल में 32 रन की नाबाद पारी खेली है। वह अपनी टीम के लिए चट्टान बनकर खड़े दिखे। इसी के साथ वह बात हर क्रिकेटप्रेमी को याद आ रही होगी, जब कुछ दिन पहले शिवम दुबे ने एक इंटरव्यू में बताया था कि इनके पिता ने इनके बचपन में ही ठान लिया था कि बेटे को बड़ा होकर क्रिकेटर बनाना है। उन्होंने शिवम को कोचिंग देने का जिम्मा अपने कंधे पर उठाया और साल तक 10 सरोज घंटों तक प्रैक्टिस कराई। 14 साल की उम्र से इन्होंने मुंबई में कोच चंद्रकांत पंडित से कोचिंग ली। दरअसल, बरसों पहले परिवार उत्तर प्रदेश छोड़कर महाराष्ट्र शिफ्ट हो गया था। यही वो दौर था, जब इनके पिता का जींस का कारोबार भी बिक गया था। उसी का नतीजा है कि शिवम दुबे वो कारनामे कर रहे हैं, जिन्हें लोग कभी भी नहीं भूलेंगे।