Raffles University के 5वें कन्वोकेशन में डिग्री पाकर खिल उठे 208 स्टूडेंट्स के चेहरे; 31 ने Gold Medal किया हासिल
नीमराना (अलवर). नीमराना स्थित प्रतिष्ठित बहु-विषयक संस्थान रैफल्स विश्वविद्यालय के कैंपस में बुधवार 27 दिसंबर को 5वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। इसमें जब 208 विद्यार्थियों और शोधार्थियों को पदक और उपाधियों से नवाजा गया तो उनके चेहरे खुशी से दमक उठे। इस समारोह में छात्र-छात्राएं अपने परिजनों के साथ आए थे। अपने बच्चों की सफलता के साक्षी बनने समारोह में पहुंचे परिजनों की छाती गर्व से फूल गई तो उनकी आंखों से खुशियों के आंसू छलक पड़े। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. विश्वबंधु पटेल, सहायक महानिदेशक (आईसीएआर), नई दिल्ली, की गरिमामयी उपस्थिति रही, साथ ही रैफल्स विश्वविद्यालय की चेयरपर्सन डॉ. न्यायमूर्ति मीना वी. गोम्बर, अध्यक्ष प्रो. ( डॉ.) गडांगी इंदिरा, रजिस्ट्रार, डीन, प्राचार्यों, विभागाध्यक्षों, कर्मचारियों और छात्रों ने शिरकत की।
दीक्षांत समारोह का उद्घाटन विश्वविद्यालय की अध्यक्ष डॉ. न्यायमूर्ति मीना वी गोम्बर ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन और पुष्पार्पण से किया। इसके बाद अध्यक्ष, प्रो. (डॉ.) गडांगी इंदिरा ने स्वागत भाषण में विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। विद्यार्थियों के समर्पणभाव की सराहना की और उन्हें शपथ ग्रहण करवाई। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में नई पहचान स्थापित करने के लिए रैफल्स विश्वविद्यालय संस्थान एक अग्रसर के रूप में कार्य कर रहा है। यह डिजिटल, ऑनलाइन तंत्र, शिक्षा, के लिए एक सहज परिवर्तन कर रहा है।
62 को डिप्लोमा, 84 को स्नातक, 61 को स्नातकोत्तर तो 4 को पीएचडी की डिग्री प्रदान
इसके पश्चात दीक्षांत समारोह में कुल 208 विद्यार्थियों को डिग्री वितरण किया गया। इपमें 62 डिप्लोमाधारक, 84 स्नातक उपाधिधारक, 61 स्नातकोत्तर की उपाधि के धारक और 4 पीएचडी के उपाधिधारक बने। साथ ही अध्यक्ष डॉ. न्यायमूर्ति मीना वी. गोम्बर ने 31 उत्कृष्ट छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किया। डॉ. न्यायमूर्ति मीना वी. गोम्बर ने अपने औपचारिक संबोधन में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय के समर्पण पर प्रकाश डाला। उन्होंने दीक्षांत समारोह के दौरान छात्रों को उनके जीवन के इस महत्वपूर्ण दिन के लिए बधाई दी और उन्हें कड़ी मेहनत करने और धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित किया।
नई शिक्षा नीति में कृषि और प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रमों का निर्माण करने की बात पर जोर
इस मौके पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के सहायक महानिदेशक डॉ. विश्वबंधु पटेल (सम्मानीय अतिथि) ने कहा कि देश में अच्छे न्यूट्रिशन के फूड तैयार किए जाने की जरूरत है। शिक्षा और कृषि पर विशेष ध्यान देकर ही राष्ट्र को समृद्ध कर सकते हैं या यूं कहें कि राष्ट्र की प्रगति का मूल आधार खाद्य एवं पोषण सुरक्षा ही है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कृषि अनुसंधान व शोध में स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बदलाव किए जाने की जरूरत है। उन्होंने नई शिक्षा नीति के तहत कृषि और प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रमों का निर्माण करने की बात पर भी जोर दिया।
उधर, इस अवसर पर स्नातक हुए विद्यार्थियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध संकायों के साथ विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने में विश्वविद्यालय की भूमिका को स्वीकार करते हुए अपना आभार व्यक्त किया। उन्होंने सीखने और विकास के माहौल को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता के लिए संस्थान की सराहना की।