शब्द चक्र न्यूज/फिरोजपुर
देश-धर्म के खातिर बलिदान हुए साहबजादों की याद में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की ओर से वीर बाल दिवस सारागढ़ी गुरुद्वारा में जाकर बड़ी श्रद्धा भावना से मनाया। पाठी सिंहों ने गुरु महाराज की हुजूरी में पाठ किए। रागी सिंहों ने भी अपने अंदाज में साहिबजादों और माता गुजरी जी को याद किया। शबद गाए। गुरुघर के मुख्य ग्रंथि ने सब के भले की कामना की।
इस ऐतिहासिक पल पर ग्रंथी सिंह ने कहा कि कौम की खातिर बलिदान देने वाले सरबंसदानी श्री गुरु गोविंद सिंह जी, माता गुजर कौर और चारों साहिबजादों की कुर्बानी को याद रखना एक सराहनीय कार्य है। उन्होंने इच्छा प्रकट की कि यह पूरे भारतवर्ष में उनकी शहादत को मंदिरों, गुरुद्वारों और धार्मिक स्थलों पर याद किया जाना चाहिए।
डॉक्टर रामेश्वर सिंह ने सरबंसदानी श्री गुरु गोविंद सिंह जी के परिवार और उनके इतिहास के बारे में रोशनी डाली और बताया कि औरंगजेब एक जालिम शासक था, जिसने गुरु जी के परिवार को तसीहे देकर साहिबजादों को सरहिंद की दीवारों में चिनवा दिया। ठंडे बुर्ज में रखकर उनको तसीहे दिए, क्योंकि उन्होंने इस्लाम कबूलने से इनकार कर दिया था और अपना धर्म नहीं छोड़ा। बुल्ले शाह कहते हैं, ‘बात सुनो अब की, बात सुनो तब की, अगर ना होते गुरु गोविंद तो सुन्नत होती सबकी’।
अंत में उन्होंने विश्व हिंदू परिषद के सभी सदस्यों का धन्यवाद किया, जिन्होंने यह पवित्र प्रयास करके साहिबजादों की शहादत को नमन किया और उपस्थित संगत को गर्मागर्म दूध पिलाकर निहाल किया। विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल के सदस्यों ने गुरुद्वारे के मुख्य ग्रंथि को साहिबजादों स्मृतिचिह्न देकर सम्मानित किया।
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