सरहदी जिले फिरोजपुर में बदलती बोलचाल ने कराया कांड! दो गुटों में आई गोलीबारी की नौबत, ननद-भाभी घायल
बरसों से गंदी होती जा रही गुरुओं-पीरों की धरती पंजाब में बसे लोगों की जुबान चिंता का मसला, बातचीत का आम लहजा सुनकर लगता है-उपन्यास पढ़ रहे हैं...
प्रेमनाथ शर्मा/फिरोजपुर
पंजाब का सरहदी जिले फिरोजपुर (Ferozepur) में रविवार को उस वक्त सनसनी फैल गई, जब यहां अचानक दो गुटों में गोलीबारी होने लग गई। इस वारदात में दो महिलाएं घायल हो गई। दोनों एक-दूसरे की ननद-भाभी बताई जा रही हैं। सूचना के बाद स्थानीय पुलिस ने मामले की जांच-पड़ताल का क्रम शुरू किया तो शुरुआती जानकारी में इसकी बहुत छोटी सी, मगर बहुत बड़ी वजह सामने आई है। देखा जाए तो सारा कसूर बदलते बोलचाल का है। ऐसा क्यों? इस सवाल का जवाब जानने के लिए शब्द चक्र न्यूज का यह न्यूज आर्टिकल एकदम अंत तक पढ़ें…
सबसे पहले बात करते हैं ‘कहां क्या हुआ है’ की तो बता दें कि यह वाकया जिले के गुरुहरसहाय (Guru Har Sahai) का है। यहां की भट्ठा बस्ती के रहने वाले मन्ना ने बताया कि 2 दिन पहले वह फोन पर किसी से बात कर रहा था। उसी दौरान पास से गुजर रहे एक युवक ने उसे गाली-गलौज रने का आरोप लगाया तो एक बार नहीं, बल्कि कई ऐसा नहीं करने की बात कही और बताया कि मैं तो फोन पर बात कर रहा था। बावजूद इसके वह युवक गाली-गलौज (Calling Abuse) के अपने आरोप पर अड़ा ही रहा।
मन्ना के मुताबिक विवाद बढ़ा तो उस वक्त आसपास मौजूद लोगों ने बीच-बचाव किया और समझा-बुझाकर दोनों को घर भेज दिया। इसके बाद आज अचानक कुछ लोग घर आए और अंधाधुंध फायरिंग (Firing) करने लगे। बचाव में आई उसकी (शिकायतकर्ता मन्ना की) बहन ने उसे कमरे में बंद कर दिया, लेकिन इस बीच वह खुद और उसकी भाभी घायल हो गई। उसकी भाभी को एक गोली है। जब आरोपी धमकी देते हुए फरार हो गए तो आनन-फानन में उसकी बहन और भाभी दोनों को अस्पताल पहुंचाया गया।
उधर, सूचना के बाद गुरुहरसहाय पुलिस माैके पर पहुंचकर घटना के भुक्तभोगियाें के बयान लेकर गोलीबारी की इस वारदात को लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। जहां तक वारदात की वजह की बात है, पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इस बारे में शिकायतकर्ता मन्ना ने कहा है कि यह हमला किसी और ने नहीं, बल्कि दो दिन पहले सड़क पर फोन पर बात करते वक्त गाली देने का आरोप लगाने वाले युवक ने ही करवाया है।
बदलता परिवेश कैसे हो सकता है खून-खराबे के लिए जिम्मेदार?
अब जहां तक इस खौफनाक वारदात के लिए बदलते परिवेश के जिम्मेदार होने की बात है, इसकाे लेकर शब्द चक्र न्यूज अपने पाठकों का ध्यान पहलू की तरफ आकर्षित करने की कोशिश कर रहा, जिससे पिछले कुछ बरसों से पंजाब का लगभग हर शख्स ग्रसित है। आम बोलचाल में हमारे समाज के लोग अक्सर अभद्र शब्दावली इस्तेमाल कर बैठता है। हालांकि इसे बहुत हल्के में लिया जाता है, क्योंकि जुबान पर गालियां इतना बैठ चुकी हैं कि बोलने वाले काे पता ही नहीं चलता कि काम की बात के साथ वह किस-किस तरह की “हैल्पिंग वर्ब’ भी लगा गया।
इनमें ‘मामा’, ‘साला’, ‘बहनचो…’, ‘इसकी मां की…’ ‘बहन का लं…’, ‘बहन का लो…’, ‘तेरी बहण दी फु…ी’ और न जाने कितने ही ऐसे अपशब्द आम बोलचाल का हिस्सा बन चुके हैं। सोचने वाली बात यह है कि एक बार के लिए फिल्मों में भी द्विअर्थी शब्द (Double Meanig Words) इस्तेमाल कर लिए जाते हैं, लेकिन पंजाब के आम नागरिक की बोलचाल इन शब्दों को सीधे तौर पर बोला जाता है। चाहे बगल में जवाब बहन-बेटी या बहू ही क्यों न खड़ी हो। इस बारे में पंजाब में बरसों काम कर चुके कुछ वरिष्ठ पत्रकारों ने (नाम लिखना शब्द चक्र न्यूज उपयुक्त नहीं समझता) खुलकर प्रकाश डाला है। उनका कहना है कि यह सभ्य समाज की आदत नहीं है। कई बार तो ऐसा लगता है, मानो हम डॉ. राही मासूम रजा का मशहूर उपन्यास ‘आधा गांव’ पढ़ रहे हैं, जिसमें दुनियाभर की तमाम गालियां पढ़ी जा सकती हैं। हमें इस आदत को बदलना होगा और शुरुआत हर किसी को अपने ही घर से करनी चाहिए। हम बदलेंगे तो समाज बदलेगा, क्योंकि हमसे समाज है, समाज से हम नहीं।
हालांकि यह अलग बात है कि गुरहरसहाय में घटे हालिया घटनाक्रम को लेकर शिकायतकर्ता मन्ना बार-बार एक ही बात कह रहा है कि उसने किसी को गाली नहीं निकाली। ऐसे में कहा जा सकता है कि जरूरी नहीं कि हर व्यक्ति इस अनजान बीमारी का शिकार है, लेकिन लगभग लोग इस बुरी आदत का हिस्सा बन चुके हैं। ऐसे में शब्द चक्र न्यूज की आमजन से अपील है कि हमें हमारी आने वाली पीढ़ियों को एक सभ्य भाषा का दान देकर जाने का यत्न करना चाहिए।