नई दिल्ली/अमृतसर. लगभग 35 साल पुराने जानलेवा थप्पड़कांड में 10 महीने की कैद काटने के बाद जेल से रिहा हुए पंजाब के विवादित पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर से राजनीति की पिच पर खेलने को तैयार हैं। उन्होंने शुक्रवार को कॉन्ग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की। एक बार फिर से अपना चापलूसीभरा और शायराना अंदाज दिखाते हुए ट्विटर पर खड़गे की तारीफ में खूब कसीदे गढ़े।
इससे पहले नवजोत सिद्धू ने गुरुवार को पार्टी के पूर्व सांसद और अध्यक्ष राहुल गांधी, उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ भी भेंट की। खड़गे की तारीफ में कॉन्ग्रेस नेता नवजोत सिद्धू ने ट्विटर पर लिखा है, ”9 बार के विधायक, तीन बार सांसद, वंचितों के लिए चैंपियन, सच्चाई की आवाज ….. “विश्वसनीयता तेरा नाम मल्लिकार्जुन खरगे ” माननीय कांग्रेस अध्यक्ष से मिले और उनका आशीर्वाद लिया, वह पार्टी के लिए सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य लेकर आए’। इस मुलाकात की तस्वीरों में सिद्धू को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को गुलदस्ता देते और गले मिलते देखा जा सकता है। इसके अलावा सिद्धू ने पार्टी महासचिव प्रभारी संचार जयराम रमेश से भी मुलाकात की।
9 Times MLA , Thrice Member Parliament, Champion for the cause of underprivileged, voice of truth ….. “Credibility thy name is Mallikarjun Kharge”
Met and took blessings of Hon’ble Congress President, he brings positive vibes and good fortune for the party. pic.twitter.com/SBbW7sF89r
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) April 7, 2023
ये है पूरा प्रकरण, जिसमें सुप्रीम कोर्ट तक घूमने के बावजूद जाना पड़ा जेल
मामला पटियाला का है। गौरतलब है कि 1988 में शाही शहर पटियाला में 65 साल के गुरनाम सिंह नामक शख्स को नवजोत सिद्धू ने तैश में आ थप्पड़ मार दिया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में निचली अदालत ने बरी कर दिया तो 2006 में हाईकोर्ट ने 3 साल कैद और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया था। फिर सुप्रीम कोर्ट में 16 मई 2018 को सिर्फ 1 हजार रुपए जुर्माना लगा। इसके बाद पिछले साल यानि 19 मई 2022 को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 323 के तहत एक साल के कठोर कारावास की सजा का हुक्म हुआ तो अभी 1 अप्रैल को ही वह पटियाला की सैंट्रल जेल से रिहा होकर आए।
ये विवाद भी हैं उल्लेखनीय
- ध्यान रहे, पंजाब के इस बड़बोले नेता का विवादों से बड़ा पुराना नाता है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) में रहते हुए सिद्धू के खिलाफ लोग इलाके पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाते रहे हैं। इसके बाद कॉन्ग्रेस ज्वायन करने को लेकर भी विवादास्पद स्थिति बनी थी।
- अगस्त 2018 में पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री होने के बावजूद तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के मना करने के बाद भी पाकिस्तान में प्रधानमंत्री बने अपने क्रिकेटर दोस्त इमरान खान के ताजपोशी समारोह में पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर बाजवा के गले लगने का विवाद अभी तक सुर्खियों में रहा। हालांकि बाद में सिद्धू ने इसे करतारपुर कॉरिडोर से जोड़कर नया रूप दे दिया।
- फिर पंजाब में अफीम की खेती को कानूनी मंजूरी दिलवाने के लिए ड्रग्स के नशे से अफीम के नशे को यह कह बेतहर बताया था कि उनके चाचा भी अफीम का सेवन करते आए हैंं।
- 19 अक्टूबर को 2018 को दशहरे वाले वाले अमृतसर के जोड़ा फाटक प्रकरण को कौन नहीं जानता। अपने चहेते आयोजनकर्ताओं की लापरवाही पर पर्दा डालते हुए ट्रेन से कटकर मारे गए 65 लोगों की मौत को सिद्धू ने कुदरत का भाणा (कुदरत की मर्जी) बताया।
- फिर पाकिस्तान के करतारपुर साहिब में कॉरिडोर के नींवपत्थर समारोह में शामिल होने से एक दिन पहले लाहौर पहुंचते ही सिद्धू ने मीडिया के सामने अपने तीन महीने पुराने विवाद का जिक्र करते हुए कह डाला, ‘एक सैकंड की झप्पी थी, कोई राफेल डील नहीं’। कायदे से देखा जाए तो एक धार्मिक समारोह में विदेशी धरा पर जाकर उन्हें ऐसी राजनैतिक टीका-टिप्पणी नहीं करनी चाहिए थी।
- 26 नवंबर 2008 के मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के करीबी एवं पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव गोपाल सिंह चावला के साथ फोटो में नजर आना भी कॉन्ग्रेस नेता के लिए खासा विवाद वाला रहा।
- इतना ही नहीं, 2021 में पुरानी खुन्नस के चलते नवजोत सिद्धू ने अपनी टीम के साथ मिलकर कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से उतरवा दिया और चरणजीत सिंह चन्नी को इस कुर्सी पर बिठा दिया। खुद भी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने के कुछ ही दिन बाद इस्तीफा दे दिया था।