How Shameful: जिसने पढ़ा-लिखाकर IAS अफसर बनाया, 78 साल की उम्र में अब वो Old Age Home में रहने को मजबूर; डूबकर मर जाना चाहिए ऐसे अधिकारी को-क्या देश चलाएंगे
आगरा. इस बात में कोई दो राय नहीं कि फिल्में और सामाजिक परिवेश एक-दूसरे के पूरक हैं। एक-दूसरे को देखकर ही दोनों की पृष्ठभूमि नया रूप लेती है। हाल ही में उत्तर प्रदेश की ताज नगरी आगरा से एक ऐसा शर्मनाक मामला सामने आया है, जो जानी-मानी हिंदी फिल्म ‘बागवान’ की कहानी से हू-ब-हू मिलता है। औलाद के नाम पर दो बेटे हैं। जिदंगीभर कमा-कमाकर बेटों को कामयाब बनाने में बेचारे बाप ने कोई कसर नहीं छोड़ी। अब कहने को एक भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी (IAS Officer) है तो दूसरा बिजनैसमैन। करोड़ों का बंगला है, लेकिन बावजूद इसके जिंदगी के 78 बसंत देख चुका बूढ़ा बाप अब बाकी बचे दिन काटने के लिए वृद्धाश्रम पहुंचा है। कह रहा है-घर में दो कौड़ी की इज्जत नहीं। अब सोचने वाली बात है कि अगर इस लाचार बाप की आंसुओं में रत्तीभर भी सच्चाई और कथित घटिया कामयाब, मगर नाकाबिल बेटों में जरा भी इंसानियत बाकी है तो कहीं किसी नदी या जलाशय में डूबकर मर जाना चाहिए दोनों को। इनकी बीवियों को और इनकी औलादें भी हैं तो उन्हें भी।
सिकंदरा स्थित रामलाल वृद्धाश्रम में रह रहे बुजुर्गों और यहां के स्टाफ को शनिवार दोपहर ब्रांडेड कपड़े पहने और हाथों में लगेज लिए एक बुजुर्ग को देखकर बड़ा ताज्जुब हुआ। यहां के कर्मचारियों ने पूछा-किससे मिलना है तो बुजुर्ग ने कहा कि वह किसी से मिलने नहीं, बल्कि खुद यहां रहे आया है। इतना कहकर रोना शुरू कर दिया। आश्रम के संचालक शिव प्रसाद ने बताया कि थाना कमला नगर इलाके के बल्केश्वर से आए यह 78 वर्षीय बुजुर्ग रिटायर्ड बैंक मैनेजर हैं। बड़ा बेटा भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी (IAS Officer) है। करोड़ों की कोठी और बेशुमार संपत्ति है, लेकिन कमी है तो सिर्फ सम्मान की।
उनका (पीड़ित बुजुर्ग का) कहना है, ‘मेरे घर में ही मुझे अपमानित किया जाता है। पत्नी घंटों तक फोन पर बातें करती रहती है। कुछ बोलो तो झगड़ा करती है। मेरा एक बेटा आईएएस है, दूसरा बेटा व्यापारी है। एक बेटी है। छोटा बेटा पैसे लेकर अलग हो गया। करोड़ों रुपए की कोठी समेत कई सम्पत्तियां हैं, लेकिन उसके बाद भी सम्मान नहीं मिलता। कोई मुझसे ठीक से बात तक नहीं करता। बड़ा बेटा जब कभी घर आता है तो बेइज्जत करता है। अब मुझे उस घर में नहीं रहना। मैं यहीं रहना चाहता हूं’।