राजेन्द्र ठाकुर/चम्बा
पवित्र श्री मणिमहेश यात्रा बुधवार को विश्राम की ओर बढ़ गई। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार लगभग साढ़े 6 लाख श्रद्धालुओं ने यहां डल झील में आस्था का गोता लगाकर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त किया। भक्तों की भीड़ और जयकारों से माहौल एकदम भावपूर्ण बना हुआ था। उधर, इस दौरान चम्बा जला प्रशासन ने श्रद्धालुुओं की सुविधा के लिए पुख्ता प्रबंध कर रखे थे।
बता दें कि हर साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर चम्बा जिले के भरमौर में पवित्र श्री मणिमहेश यात्रा का प्रारंभ होता है। उत्तर भारत की सबसे दुर्गम इस धार्मिक यात्रा का श्री राधा अष्टमी पर डल झील में स्नान के बाद यह यात्रा विश्राम ले लेती है। इस बार यह यात्रा 26 अगस्त से शुरू हुई, हालांकि इससे पहले से ही श्रद्धालुओं का सैलाब चम्बा के विभिन्न इलाकों में उमड़ने लग गया था, जो देश के कोने-कोने से आ रहे थे।
रात 11 बजकर 13 मिनट पर शुरू हुआ शाही स्नान
सोमवार को भरमौर पहुंच चुके देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालुओं की टोलियां पवित्र डल झील के लिए निकल पड़ी। इन धर्मावलंबियों में इस बार पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से छड़ियों के साथ हजारों की तादाद में शिवभक्त डल झील पहुंचे। मंगलवार को शिव चेलों ने डल तोड़ने की परम्परा निभाई और फिर रात 11 बजकर 13 मिनट पर शाही स्नान के साथ यहां श्री राधा अष्टमी के बड़े स्नान का शाही स्नान मुहूर्त आरंभ हो गया। इसमें एक लाख के करीब श्रद्धालुओं ने अपने आप को पुण्य का भागी बनाया। बुधवार बाद दोपहर 2 बजकर 20 मिनट पर औपचाक समापन तक लगभग साढ़े 6 लाख श्रद्धाुओं ने आस्था की डुबकी लगाई।
सुरक्षा-सुविधा के लिए प्रशासन ने निभाई जिम्मेदारी
इस बारे में भरमौर के एसडीएम कुलवीर सिंह राणा नेे बताया कि उपमंडल प्रशासन ने राधा अष्टमी पर्व की तैयारियों को लेकर सोमवार को ही समीक्षा बैठक की। इसके बाद यात्रियों की सुविधा के लिए हरसंभव प्रयास प्रशासन की तरफ से किया गया। भरमौर, हड़सर, धनछो, सुंदरासी और गौरीकुंड में 5 स्वास्थ्य जांच शिविरों का आयोजन भी प्रशासन की तरफ से किया गया, जिनमें जांच के बाद ही श्रद्धालुओं को आगे भेजा गया। हड़सर से दोनाली के बीच जाम लगने वाले स्थानों पर पुलिस बलों की तैनात की गई। साथ ही एनडीआरएफ और एसडीएआरएफ की टीमें भी यात्रा के विभिन्न पड़ावों पर लगाई गई।