
राजेन्द्र ठाकुर/चम्बा
हिमाचल प्रदेश की सुख सरकार अब शुल्क की सरकार बन चुकी है। जंगली मुर्गा कांड के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को प्रदेश की जनता के दुख-दर्द से कोई लेना-देना नहीं रह गया है। तालाबाजी तो मुख्यमंत्री का शौक बन गया है। इसी का नतीजा है कि पहले शौचालय पर शुल्क लगाया तो अब अस्पताल की पर्ची पर भी टैक्स लगा डाला। यह बात प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने एक रैली के मंच से कही।
भटियात में की नेता प्रतिपक्ष ने जसनभा
दरअसल, चम्बा जिले के दौरे पर आए पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भटियात में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। जनसभा के मंच से तंज कसते हुए पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन का नारा देने वाली हिमाचल की सरकार के पास जन समस्याओं को सुनने का भी समय नहीं है। मुख्यमंत्री सिर्फ इसी जुगाड़ में लगे रहते हैं कि कैसे जनता पर टैक्स थोपकर अपनी तिजोरी भरी जाए। हमने बिजली बिल में मिल्क सैस हमने माफ किए, लेकिन इन्होंने पानी के बिल लेने शुरू कर दिए। डीजल और जमीन पर टैक्स बढ़ाया जा रहा है। हद ही हो गई कि टॉयलेट पर भी टैक्स ये सरकार वसूलने जा रही थी। हमने विरोध शुरू किया तो फैसला पलटना पड़ा। अब बस में आप एक कदम ही रखेंगे तो दस रुपये आपको देने ही होंगे जबकि हमने महिलाओं को आधा किराया किया है। पांच साल हमने एक पैसा नहीं बढ़ाया। हमने आयुष्मान, हिम केअर और सहारा जैसी योजनाएं स्वास्थ्य क्षेत्र में लाई।
जयराम ठाकुर ने कहा कि आज सरकार के पास विकास करने को समय नहीं है और सारा ध्यान भाजपा विधायकों को तंग करने-उनकी जासूसी करने में जा रहा है। नाबार्ड, सीआरएफ., एडीबी, वर्ल्ड बैंक, समग्र शिक्षा और स्वास्थ्य का पैसा केंद्र से आ रहा है। सड़कों के लिए अरबों रुपए हर महीने आ रहे हैं, लेकिन फिर भी मुख्यमंत्री कहते हैं कि केंद्र कोई मदद नहीं कर रहा। कोई भी सरकार काम करने के लिए चुनी जाती है लेकिन ये ऐसी पहली सरकार है जो काम बंद करने के लिए जानी जाएगी। हमारे खोले 2000 संस्थान इन्होंने बंद कर दिए। इनकी गारंटियां गोल हो गई हैं। नया रोजगार देना तो दूर की बात, 10 हजार आउटसोर्सिंग कर्मचारी बाहर कर दिए। जो बचे हैं, उनको सैलरी भी नहीं दी जा रही है।
हमने दाल-रोटी खिलाई तो इन्होंने मुर्गा परोसा: ठाकुर
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हमने जनमंच में जनता की समस्याओं को सुनने के लिए कार्यक्रम किए और दाल रोटी गरीबों को खिलाई। वही रोटी हमारे अधिकारियों और नेताओं ने भी खाई, लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने तो जंगल पार्टी कर जंगली मुर्गे परोसे, जिन्हें मारने पर तीन साल की सजा का प्रावधान है। शिमला के दूर-दराज के इलाके कुपवी में जंगल पार्टी करने गए मुख्यमंत्री की जंगली मुर्गा कांड के बाद ऐसी फजीहत हुई कि इसके बाद सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम भूल ही गई है। पिछले कई माह से ऐसा एक भी कार्यक्रम नहीं हुआ है।