राजेन्द्र ठाकुर/चम्बा
उपमंडल सलूणी के तहत हिमाचल और जम्मू-कश्मीर की सीमा पर गढ़ माता ऐतिहासिक जातर मेला (Garh Mata Jatar Mela) सोमवार को हर्षोल्लास से संपन्न हुआ। इसमें दोनों राज्यों के हजारों लोगों ने भारी संख्या में भाग लेकर चामुंडा मां का आशीर्वाद लिया। दोनों राज्यों के लोग अश्विन माह की संक्रांति को गढ़ माता मंदिर में मक्की की फसल चढ़ाते हैं। जिला चंबा में सदियों से पारंपरिक जातरों और मेलों का आयोजन धूमधाम से किया जा रहा है। गढ़ माता मंदिर के प्रांगण में पवन राणा भजन व चुराही नाटियों पर श्रद्धालु खूब झूमे।
तेलका से चिउगली तक संपर्क मार्ग का सफर करने के बाद वहां से करीब तीन घंटे के पैदल सफर करते हुए मराली धार, राजा का डेरा व चोंडी की घोड़ी से ऊपर चढ़ाई चढ़कर गढ़ माता मंदिर पहुंचते हैं। यहां पर श्रद्धालु मक्की की फसल मां को अर्पित करते हैं। यह मेला भाईचारे, एकता एवं सौहार्द का संदेश देता है। मेला कमेटी में दोनों राज्यों के लोगों का संयुक्त प्रतिनिधित्व रहता है। सुरक्षा के लिए भी दोनों राज्यों की पुलिस मौजूद रहती है। मेला कमेटी ने मेले के सफल आयोजन के लिए लोगों व पुलिस प्रशासन का धन्यवाद किया।