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भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सचिव जय सिंह ने उठाया चुनाव से पहले कॉन्ग्रेस की तरफ से दी गई 10 गारंटियों पर सवाल
राजेन्द्र ठाकुर/चंबा
हिमाचल प्रदेश में सत्तापरिवर्तन तो जरूर हो गया है, लेकिन हालात नहीं बदले। सत्ता पाने के लिए दी गई 10 गारंटियों से मुकर रही प्रदेश की सुक्खू सरकार जिस हिसाब से काम कर रही है, उसका नतीजा यह होगा कि 2024 में पार्टी को बहुत नुकसान उठाना पड़ेगा। फिलहाल यह सरकार सिर्फ डी-नोटिफाई सरकार बनकर रह गई है। यह बात गुरुवार को विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सचिव जय सिंह ने कही है।
गुरुवार को मीडिया से मुखातिब भाजपा के प्रदेश सचिव जय सिंह ने कहा कि अपनी कुर्सी बचाने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक ही दिन में छह मुख्य संसदीय सचिव (CPS) बना दिए। उसी दिन पैट्रोल और डीजल के दाम बढ़ा दिए। सुक्खू ने ऐसा सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने के लिए किया है, लेकिन इसका सारा बोझ प्रदेश की आम जनता पर पड़ा है। आटे के दाम में भी बढ़ोत्तरी कर दी गई। दूसरी ओर कर्मचारी वेतन मिलने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सरकार के मंत्री और मुख्यमंत्री मौज-मस्ती करने में लगे हैं। भाजपा सरकार ने जनता की सुविधा के लिए जो सुविधाएं शुरू की थी, कॉन्ग्रेस ने सत्ता पाते ही उन सुविधाओं को बंद कर दिया। ये सरकार डी-नोटिफाई सरकार बनकर रह गई है। जिस हिसाब से ये सरकार काम कर रही है, उसका हिसाब 2024 में देना होगा।
जय सिंह ने कहा कि सत्ता पाने के लिए कॉन्ग्रेस ने हिमाचल की जनता को 10 गारंटियां दी थी। इनके दम पर सुक्खु-मुक्खु सरकार बन तो गई, लेकिन अब यह सरकार अब अपने चुनावी गारंटियों से मुकर रही है। इस बात का प्रमाण हाल ही में मौजूदा सरकार के एक मंत्री द्वारा बागवान और किसानों द्वारा फलों की कीमत तय करने से मुकरने का है। 5 लाख नौकरियां देने का वादा करने वाली कॉन्ग्रेस युवाओं को बेरोजगारी का तोहफा दे रही है। 300 यूनिट बिजली फ्री कब यह सरकार देने जा रही है, इसकी अभी तक कोई भी घोषणा नहीं की है। चुनाव के दौरान घर घर जाकर हर महिला को 1500 रुपए प्रतिमाह देने के फॉर्म भरवाने वाली कॉन्ग्रेस पार्टी अब एक परिवार से एक महिला को 1500 रुपए देने की बात कह रही है। यही नहीं इसके लिए भी उसने कई शर्तें निर्धारित की हैं। यह हिमाचल की मातृशक्ति के साथ छलावा है। पशुपालकों से हर दिन 10 लीटर दूध खरीदने की गारंटी और 2 रुपए प्रति किलो गोबर खरीदने की गारंटी देने वाली कॉन्ग्रेस सरकार अपनी इन गारंटियों को कब पूरा करेगी। हर गांव को मोबाइल क्लीनिक के माध्यम से मुफ्त चिकित्सा सुविधा देने का दावा करने वाली सरकार ने अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। इन सबका हिसाब आने वाले चुनाव में जनता जरूर करेगी।