राजेन्द्र ठाकुर/चम्बा
हिमाचल प्रदेश की ऐतिहासिक नगरी शिवभूमि चम्बा में गुरुवार को इस नगर को बसाने वाले राजा साहिल बर्मन की धर्मपत्नी राजमाता सुनयना के अमर बलिदान का प्रतीक सुई माता का मेला बड़ी धूमधाम से शुरू हो गया है। इस मौके पर राजसी परिवार से जुड़ी रानी आशा कुमारी, चम्बा के विधायक नीरज नैय्यर, उपायुक्त मुकेश रेपसवाल, एडीएम, एसडीएम, नगर परिषद की अध्यक्ष नीलम नैय्यर और जिलेभर के सैकड़ों लोग मौजूद रहे। गणमान्य लोगों ने चम्बावासियों को मेले की मुबारकबाद दी और कहा कि रानी सुनयना के बलिदान को रहते दम तक नहीं भुलाया जा सकता। वो नगरी की देवी हैं।
इतिहास के पन्नों में दर्ज 920 ईसवी की कहानी स्वर्णिम अक्षरों में लिखी एक कहानी है। सदियों से यहां राजमाता के बलिदान को याद करने की परंपरा चली आ रही है। शाह मदार चोटी पर स्थित सुई माता मंदिर में हर साल चैत्र और बैसाख महीने में मेले का आयोजन होता है। मेला विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों द्वारा मनाया जाता है। मेले में रानी के गीत गाए जाते हैं और रानी के बलिदान को श्रद्धांजलिदेने के लिए लोग सुई मन्दिर से रानी के वलिदान स्थल मलूणा तक जाते हैं। लोग राजमाता के बलिदान को याद करते हुए यहां उनकी समाधि पर पूजा-अर्चना करते हैं। अपने-अपने परिवार के साथ नगर और क्षेत्र की खुशहाली की मन्नतें मांगते हैं। पूरा इतिहास पढ़़ने के लिए क्लिक करें
गुरुवार को यह परम्परागत मेला पूरी शान के साथ शुरू हुआ है। राजमाता सुनयना का पवित्र चिह्न आज सज-धजकर पालकी में सवार होकर राजमहल से मलूणा पहुंचा। सुई माता के पवित्र चिह्न की शोभायात्रा में जनजातीय क्षेत्र भरमौर से आई गद्दी समुदाय की महिलाएं घुरेई और पहाड़ी गीत गाती हुई चल रही थी, वहीं बड़ी संख्या में जिलेभर से आए लोग भी इस विशेष अवसर के साक्षी बने।