राजेन्द्र ठाकुर/चम्बा
लोकसभा चुनाव के लिए राजनैतिक दलों ने ही नहीं, बल्कि जनता ने भी कमर कस ली है। इसी कड़ी में सोमवार को चंबा में युवा और एक्ससर्विसमैन लीग की एक बैठक हुई। कर्नल सुरिन्दर राणा की अध्यक्षता में सर्किट हाउस में हुई इस बैठक में 200 से ज्यादा पूर्व सैनिकों ने शिरकत की। मुख्य वक्ता की भूमिका में मेजर जनरल धर्मवीर सिंह राणा उपस्थित रहे। कांगड़ा लोकसभा सीट से अपने वर्ग को नुमाइंदगी और अपनी दूसरी मांगों को लेकर इकट्ठा हुए पूर्व सैनिकों ने मेजर जनरल धर्मवीर राणा को एकमत समर्थन का वादा किया।
यहां उल्लेखनीय पहलू यह है कि हिमाचल प्रदेश के 50 प्रतिशत से ज्यादा फौजी कांगड़ा लोकसभा में आते कांगड़ा और चम्बा जिलों में हैं। यह एक लाख से ज्यादा परिवारों से संबंध रखते हैँ और इन परिवारों में 6 लाख से ज्यादा वोट हैं, मगर बावजूद इसके मेजर खानोरिया के बाद किसी भी फौजी को न तो भारतीय जनता पार्टी ने और न ही कांग्रेस ने टिकट दिया है।
पूर्व सैनिकों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में कैंटीन स्टोर डिपो, हिमाचल रैजिमैंट का गठन, डोगरा रैजिमेंटल ट्रेंनिंग सैंटर लाना, अग्निवीर योजना के विरुद्ध आवाज उठाना, रिटायरमैंट के बाद नौकरी, डायरैक्टर सैनिक वैलफेयर ऑफिस के पदों को भरना, एक्स सर्विसमैन कॉर्पोरेशन में चेयरमैन की नियुक्ति और ऐसे ही अन्य बहुत सारे मुद्दों में अनदेखी का एक ही कारण है कि किसी भी पूर्व सैनिक को पॉलिटिक्स में आगे नहीं आने दिया गया, जो फौजियों की आवाज उठा सके। इसी के चलते हालिया लोकसभा चुनाव में वो अपने वर्ग के लिए कांगड़ा लोकसभा सीट से उम्मीदवारी चाहते हैं। सोमवार को इस मसले पर मंथन हुआ। सभा में वीर नारियां भी शामिल हुई। सभी ने एकमत होकर आवाज उठाई की इस बार कांगड़ा सीट से मेजर जनरल धर्मवीर राणा को ही प्रत्याशी बनाया जाए।