सुक्खू सरकार को नहीं दिखाई दे रहा हजारों लोगों का दुख; जिंदगी पर मंडरा रहा है खतरा
जगह-जगह टूट चुका है ग्राम पंचायत लेच के गांवों को जोड़ता रावी नदी पर बना लकड़ी का पुल; 1964 में बनाया गया था ये
राजेन्द्र ठाकुर/चम्बा
हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार भले ही विकास के दावे करती नहीं थकती, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। चंबा जिले के दर्जनभर गांवों के हजारों लोगों की जिंदगी पर खतरा मंडरा रहा है, लेकिन सरकार को यह चिंता नजर ही नहीं आ रही। दरअसल, रावी नदी पर बना अर्से पुराना लक्कड़ पुल जर्जर हालत में है। जहां तक इसकी मरम्मत के लिए जिम्मेदारी की बात है, इलाके की पंचायत दो साल पहले प्रस्ताव बनाकर लोक निर्माण विभाग (PWD) को भेज चुकी है। बावजूद इसके इस पुल का कुछ नहीं हो रहा। पहले जाती-जाती जयराम ठाकुर सरकार ने इसे सीरियसली नहीं लिया और अब पुरानी सरकार को कोस रही नई सरकार भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही। मरता क्या न करता की बात पर गौर करते हुए इलाके की पंचायत प्रधान ने अब लोगों से अपील की है कि जिंदगी का मोल समझते हुए वो यहां से आवागमन न करें, जब तक कि इसकी मरम्मत नहीं हो जाती। इसी के साथ सरपंच ने प्रदेश की सरकार और जिला प्रशासन से भी इस पुल की मरम्मत पर ध्यान देने की अपील की है।
#HimachalPradesh की सरकार ध्यान दे…
चंबा के जनजातिय इलाके में दर्जनभर गांवों के लोगों की जान पर कभी भी बन सकती है जोखिम@INCIndia की सुक्खू सरकार क्यों नहीं कर रही अनमोल जिंदगी की फिक्र
पंचायत प्रधान सुनीता भूषण ने कही बड़ी बात, आप भी सुनें pic.twitter.com/DUBnRwBj0t
— शब्द चक्र (@shabdchakra) February 1, 2024
हिमाचल प्रदेश से पुराना है पुल का अस्तित्व
बता दें कि चंबा जिले के जनजातीय क्षेत्र भरमौर में ग्राम पंचायत लेच के दर्जनभर गांवों को जोड़ने के लिए रावी नदी पर वर्ष 1964 में एक लक्कड़ पुल का निर्माण किया गया था, जबकि यह पंजाब का हिस्सा था। समय पर मरम्मत नहीं होने के कारण अब इस पुल की सारी लकड़ी गल चुकी है। कई जगह साइड में लगी लकड़ी तक निकल चुकी है। अब यह पुल जगह-जगह से टूट चुका है। मजबूरी के मारे लोगों ने टूटी हुई जगह को बड़े-बड़े पत्थरों से भरा हुआ है, लेकिन बावजूद इसके इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
कई बार की जा चुकी संबंधित विभाग से अपील
इस बारे में ग्राम पंचायत लेच की प्रधान सुनीता भूषण ने बताया कि गांव लेच, उपरली लेच, डुभालका, रमसैनका, बगोध, गाण, गुवाड़ सिंधुआ, सुकरेठी और अन्य गांवों के हजारों लोगों का यहीं से आना-जाना है। पंचायत प्रधान सुनीता ने बताया कि पुल की मरम्मत के लिए पंचायत ने कई बार लोक निर्माण विभाग (PWD) और जिला प्रशासनिक अफसरों के पास फरियाद लगाई है, पर दो साल बीत जाने के बावजूद इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
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पंचायत प्रधान ने कहा-लोग भी रहें सावधान
पुल की बदहाली की कहानी को एक वीडियो के जरिये शेयर करते हुए पंचायत प्रधान सुनीता भूषण ने इलाके के लोगों से गुजारिश की है कि इस पुल की मरम्मत होने तक लोग यहां की बजाय वैकल्पिक पुल से आना-जाना करें। इसी के साथ सरकार और जिला प्रशासन से जल्द से जल्द पुल की हालत को सुधारने की मांग की है।