CITU की जिला कमेटी ने श्रमिक कमल बोर्ड के दफ्तर पर दिया धरना; सेक्रेटरी को भेजा ज्ञापन
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राजेन्द्र ठाकुर/चंबा
हिमाचल प्रदेश के चंबा में बीते दिन शनिवार को सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (CITU) की जिला कमेटी ने जिला मुख्यालय स्थित श्रमिक कमल बोर्ड के कार्यालय के बाहर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। जिला अधिकारी के माध्यम से बोर्ड के सचिव को ज्ञापन भेजा। इस रोष प्रदर्शन में जेएसडब्ल्यू कुठेड़, मनरेगा व अन्य निर्माण वर्कर्स यूनियन के वर्कर भी उपस्थित रहे, जिसनमें सीटू जिला अध्यक्ष नरेंद्र, विक्की, नरेश, शोभन, तेज सिंह, सुरजीत, मदन, सुभाष कुमार, जीवन, विनोद संदीप, शिशु, ओंकार, सुरेश आदि मुख्य तौर पर शामिल थे।
यहां इस धरने का नेतृत्व कर रहे CITU के जिला सचिव ने कहा कि प्रदेश की मौजूदा सरकार भी पिछली सरकार के पदचिह्नों पर चल रही है। पिछले तीन साल से लाखों मजदूर अपने बच्चों की छात्रवृत्ति सहायता, स्वास्थ्य सहायता जैसे लाभ न मिलने से परेशान हैं। इस सरकार से लोगों को उम्मीद थी कि लंबित मांगें पूरी करते हुए बोर्ड में पंजीकृत मजदूरों के लिए राहत देगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। यूनियन ने लगातार मुद्दों को सरकार के सामने उठाया है। बोर्ड को बैठक में भी इसे प्राथमिकता पर रखा है। बावजूद इसके सरकार ने सबसे ज्यादा ज्यादती मनरेगा मजदूर के साथ की है। उन्हें बोर्ड से ही बाहर कर दिया, जबकि वह वर्षभर निर्माण के कार्य में कार्यरत रहते हैं।
ये हैं संगठन की मुख्य मांगें
उनकी मांग है कि मनरेगा मजदूर को बोर्ड में पंजीकृत किया जाए। मजदूर संगठन के जिला सचिव ने कहा कि बोर्ड ने हर बार नई नोटिफिकेशन जारी करके मजदूरों को परेशान किया है। 10-10 साल से बोर्ड में पंजीकृत लोगों से दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। इस चलन को तुरंत प्रभाव से रोका जाए। पिछले एक साल से मजदूरों के पंजीकरण और नवीनीकरण और अन्य सहायता राशि प्राप्त करने पर लगाई गई रोक हटाई जाए। वर्ष 2008 में बने बोर्ड नियमों के अनुसार पंजीकृत निर्माण मजदूर यूनियनों को रोजगार प्रमाण पत्र जारी किया जाए और सत्यापित करने के अधिकार बहाल किए जाएं।