सिंगल यूज प्लास्टिक पर पाबंदी लगा पाना सबसे बड़ी चुनौती, सरकार को उठाने होंगे कड़े कदम
हिसार.1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक बैन हा़े चुका है, मगर सरकार के पास बड़ी चुनौती सिंगल यूज के साथ पॉलीथिन काे बैन करना है। नगर निगम के मीटिंग हाॅल में शुक्रवार को अफसरों ने पॉलीथिन बैन काे लेकर चर्चा की। मेयर गौतम सरदाना ने कहा है कि पहले रेहड़ी चालकों से सक्ती न कि जाए कुछ दिनाें तक समझाया जाए। अगर कामयाबी न मिले तो सक्ती की जाए तो ज्यादा असर हाेगा।
साल भर में एक दिन में शहर में 25550 क्विंटल पॉलीथिन का इस्तेमाल हाे रहा है। जिस पर निगम प्रशासन के लिए पाबंदी लगाना बड़ी चुनौती हाेगा। ऐसे में सख्ती की जरूरत है। क्योंकि शहर में बात करें ताे राेज अंदाजन करीब 70 क्विंटल थैली पैकिंग में पॉलीथिन बैग का प्रयोग हो रहा है। जिस पर रोक लगाना सरकार के लिए बड़ी चुनौती साबित होगा।
प्लास्टिक है पर्यावरण का सबसे बडा दुश्मन
1. सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी पॉलीथिन व अन्य वस्तुएं आमतौर पर लाेग खुले में फेंक देते हैं। इससे यह प्लास्टिक नाले, नालियों व सीवर में चला जाता है। इससे सीवर व्यवस्था जाम हो जाती है। सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का यूज न हाेने से इस समस्या का समाधान हा़े सकेगा।
2 प्लास्टिक का प्रयोग इंसान ही नहीं बल्कि पशु-पक्षियों व जमीन के लिए भी घातक है। शहर में हर वर्षाें अनेक आवारा पशुओं की पाॅलीथिन निगलने से माैत हाे जाती है। इसका उपयाेग न हाेने से आवारा पशु बीमार नहीं हाेंगे।
3. जमीन की उर्वरा शक्ति कम होती है जो, नहीं हाेगा।
4. सिंगल यूज प्लास्टिक को जलाने से हानिकारक गैस व तत्व पर्यावरण काे दूषित करते हैं।
5.सिंगल यूज प्लास्टिक वर्षाें वर्षों तक नष्ट नहीं हाेता है। जाे पर्यावरण काे दूषित करता है। इसका प्रयाेग न करने से पर्यावरण में सुधार हाेगा।