भरत चक्रहरिभूमि

हरियाणा के गांव भाटला में 8 महीने में दूसरी बार तोड़ी अंबेडकर की मूर्ति; शरारत के लिए पुलिस को बताया जा रहा जिम्मेदार

  • इससे पहले अक्टूबर 2022 में किया गया था प्रतिमा को खंडित, सामाजिक बहिष्कार मामले की पैरवी कर रहे वकील रजत कल्सन ने कहा-आरोपी पकड़े जाते तो घटना का दोहराव न होता

हिसार/सुलखनी. हरियाणा के हिसार जिले में पड़ते गांव भाटला में भीमराव अंबेडकर की मूर्ति को शरारती तत्वों ने खंडित कर दिया। बदमाशों ने मूर्ति के उस हाथ को तोड़ा है, जिससे अंबेडकर को हर जगह मुट्‌ठी बंद करके एक अंगुली से इशारा करते देखा जा सकता है। इस घटना के बारे में सूचना के बाद मौके का मुआयना करने के साथ ही स्थानीय पुलिस ने अज्ञात शरारती तत्वों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज कर लिया है। दूसरी ओर इसी बीच न सिर्फ अनुसूचित जाति के लोगों में नाराजगी है, बल्कि पूरे गांव में तनाव का माहौल है। हालांकि इस घटना को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। बहुजन समाज के लोगों का कहना है कि अगर 8 महीने पहले हुई इसी तरह की घटना के दोषियों को पुलिस ने पकड़ लिया होता तो अब दोबारा ऐसा नहीं होता।

हांसी पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार सुबह इलाके के गांव भाटला में डॉक्टर भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा को खंडित किए जाने की सूचना मिली थी। पुलिस मौके पर पहुंची और सीन क्राइम की टीम को भी बुलाकर सबूत जुटाए गए। इनमें आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को भी जांच का हिस्सा बनाया गया है। हालांकि ताजा घटना के संबंध में गांव के एससी समाज के लोगों सुनील दहिया, अमिताभ दहिया और अन्य की की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज कर लिया है। वहीं दूसरी ओर इस मामले में बड़ी बात यह है कि यह घटना बीते 8 महीने के वक्त में दूसरी बार घटी है। इससे पहले भी अक्टूबर 2022 में भी अंबेडकर की प्रतिमा को जातिवादी मानसिकता के लोगों ने खंडित कर दिया था।

इस संबंध में गांव के ही अजय भाटला, विकास भाटला, अमिताभ दहिया, सुनील दहिया, जय भगवान, राजेश कुमार, राजकुमार भाटला की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया था। अब लोगों का आरोप है कि पिछले मामले में पुलिस ने ईमानदारी से कार्रवाई नहीं की। भाटला के सामाजिक बहिष्कार के मामले के पीड़ितों के वकील रजत कल्सन और अन्य लोगों का कहना है कि अक्टूबर 2022 की घटना के संबंध में पुलिस ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की है। आरोपियों का ही पता नहीं चल सका है तो और कार्रवाई क्या होनी थी? यही वजह है कि शरारती तत्वों के हौसले बुलंद हैं और दूसरी बार ऐसी घटिया हरकत को अंजाम दे दिया गया। बाबा साहब की प्रतिमा के अपमान के लिए पूरी तरह हांसी पुलिस ही जिम्मेदार है।

भाटला दलित संघर्ष समिति के सदस्य अजय भाटला, विकास भाटला, राजेश कुमार, गुलाब सिंह, शमशेर सिंह, रोहताश, पवन, सचिन चोपड़ा और नवनीत चोपड़ा, कृष्ण कुमार, जयभगवान भगत, अमिताभ दहिया, जयभगवान सोढी, सुनील भाटला ने मांग की है कि पुलिस न सिर्फ ताजा मामले में आरोपियों की पहचान करके तुरंत गिरफ्तार करे, बल्कि पुरानी घटना के आरोपियों को भी गिरफ्तार करे। साथ ही बाबा साहब की नई प्रतिमा स्थापित की जाए। साथ ही डॉक्टर अंबेडकर पार्क में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और लापरवाह पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन लिया जाए।

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