रोहतक. हरियाणा के रोहतक में सोमवार को एक नाबालिग लड़के ने आत्महत्या कर ली। अभी तक की पड़ताल में शब्द चक्र न्यूज ने पाया कि यह सब आवारागर्दी और असहनशीलता का नतीजा है। अक्सर 13 से 19 साल की उम्र में लड़के-लड़कियां बहक जाते हैं। गलत रास्ते पर चल पड़ते हैं। यहां भी ऐसा ही हुआ। दिनभर गांव में आवारा घूमने वाला यह लड़का अपने छोटे भाई के साथ लड़ाई पर उतर आया। इसके बाद जब मां ने डांटा तो घर से बिना बताए कहीं भाग गया। बाद में जब ढूंढा गया तो गांव के बाहर स्टेडियम में फांसी के फंदे पर लटका मिला।
मामला जिले के गांव बलियाना का है। गांव के सतीश नामक एक शख्स ने बताया कि वह मजदूरी करके अपना-अपनी पत्नी और तीन संतानों (दो बेटे और एक बेटी) का पेट पाल रहा था। इनमें से 15 साल के बड़े बेटे अंकित ने परिवार को आंसुओं में डुबो दिया। सतीश की मानें तो इन पढ़ाई छोड़ चुके होने के कारण अंकित दिनभर गांव में ही टाइम पास करता घूमता रहता था।
रविवार को उसका छोटे भाई के साथ किसी बात पर झगड़ा हो गया तो मां भतेरी देवी ने दोनों को समझाया और धमकाया। उस वक्त तो दोनों बेटे शांत हो गए। बाद में अंकित बिना बताए कहीं चला गया। सतीश ने बताया कि अंकित अक्सर रात में अपने ताऊ के पास जाकर सो जाता था। रविवार रात भी उन्होंने सोचा कि वह वहीं गया होगा। सोमवार सुबह जब गांव के लोग सैर आदि के स्टेडियम की तरफ गए तो अंकित को पेड़ पर फांसी के फंदे पर लटका देखा।
सूचना के बाद परिवार के लोग मौके पर पर पहुंचे। साथ ही पुलिस भी पहुंच गई। फिलहाल पुलिस ने लाश का पोस्टमॉर्टम करवाया और उसे परिजनों के हवाले कर दिया है। दूसरी ओर अब सोचने वाली बात यह भी है कि अगर मानसिकता ठीक होती तो वह ऐसा खौफनाक कदम नहीं उठाता। मां ने तो उसके भाई को भी डांटा था।