राका के Encounter पर उठे सवाल; भाई ने कहा-पुलिस ने 10 दिन पहले रोहतक में बरामद की थी मुठभेड़ में दिखाई जा रही Baleno गाड़ी, भाई को भी 2 दिन पहले मोहाली से पकड़ा
पानीपत. हरियाणा के पानीपत में शुक्रवार रात एक बदमाश राकेश उर्फ राका की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई और शनिवार को दिन निकलते ही इस पर सवाल भी उठने लग गए। राका के परिवार वालों ने उसकी लाश का लेने से इनकार कर दिया है। वो पानीपत के सीआईए-2 प्रभारी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करने की मांग पर अड़े हुए हैं। बड़ी गजब की बात है कि अगर उनके दावे पर गौर करें तो एक तो राका को 2 दिन पहले पंजाब के मोहाली से हिरासत में लिया गया था और दूसरा जिस बलैनो गाड़ी की बात मुठभेड़ के दौरान इस्तेमाल किए जाने को लेकर की जा रही है, वह 10 दिन पहले रोहतक से बरामद की जा चुकी है। अब पुलिस के पास इन सवालों का कोई जवाब नहीं है।
बता दें कि पुलिस के दावे के मुताबिक शुक्रवार देर रात करीब 9 बजे पानीपत के क्राइम इन्वैस्टिगेशन एजैंसी-2 (CIA-2) प्रभारी वीरेंद्र कुमार को सूचना मिली कि एक गाड़ी में कुछ संदिग्ध किस्म के लोग पानीपत की तरफ आ रहे हैं। इन्हें पकड़ने के लिए टीम ने बिना नंबर प्लेट की सिल्वर कलर की एक बलैनो गाड़ी का पीछा करना शुरू कर दिया। अंधेरे में नारायणा रोड के ढोडपुर मोड़ के पास पहुंचकर बदमाशों ने पुलिस पर गोलियां चला दी। पुलिस ने बदमाशों को सरैंडर करने को भी कहा, लेकिन बदमाशों ने फायरिंग जारी रखी। इसी बीच पुलिस की ओर जवाबी फायरिंग की गई तो गोली लगने से एक बदमाश मौके पर ही ढेर हो गया। दूसरा घायल हुआ है।
बताया जा रहा है कि इस मुठभेड़ में मारा गया 32 वर्षीय युवक राकेश उर्फ राका सोनीपत जिले के गांव गढ़ी सिसाना का रहने वाला था। वह पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में आरोपी लॉरैंस बिश्नोई गैंग के शूटर प्रियव्रत फौजी का छोटा भाई था। शनिवार को इस मामले में उस वक्त नया मोड़ आ गया, जब मारे गए राकेश उर्फ राका के परिजनों ने पुलिस मुठभेड़ को झूठी बता डाला। राकेश के परिजनों की मांग है कि सीआईए-2 के इंस्पैक्टर पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए और शव का पोस्टमॉर्टम पानीपत की बजाय रोहतक पीजीआईएमएस में कराया जाए। ये मांगें पूरी नहीं होने की स्थिति में फिलहाल उन्होंने शव लेने से इनकार कर दिया है।
ये हैं कथित तौर पर मुठभेड़ में मारे गए राका के परिजनों के आरोप
इस मामले में गढ़ी सिसाना निवासी मृतक राकेश उर्फ राका के पिता जय भगवान का कहना है कि उन्होंने बेटे का शव देखा तो बेटे की गर्दन पर रस्सी के निशान थे। पूरा शरीर नीला पड़ा हुआ था। साफ जाहिर है कि उसकी मौत थर्ड डिग्री टॉर्चर की वजह से हुई है। दूसरी ओर राकेश के बड़े भाई अमित ने कहा कि पुलिस ने शुक्रवार रात मुठभेड़ में जिस बलैनो गाड़ी को दिखाया है, वह पुलिस 10 दिन पहले ही रोहतक से बरामद कर चुकी है। अमित का आरोप है कि पुलिस ने 10 दिन पहले राकेश पर रोहतक में भी फायरिंग की थी। वहां से बच गया तो पुलिस ने अब उसे 2 दिन पहले मोहाली से उठाया था और थाने में लाकर उसे थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया। टॉर्चर में मौत के बाद मुठभेड़ दिखाने की झूठी कार्रवाई की गई है। उसके पैरों में गोली मारी गई और गोली लगने से मौत होने की कहानी बनाई गई है। खास कात यह है कि खबर लिखे जाने तक पुलिस के पास इन सवालात का कोई जवाब नहीं था।