हरियाणा में लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर चल रहे सियासी संकट के बीच कुरूक्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के सांसद नायब सिंह सैनी राज्य के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं. हालांकि विधायक दल की बैठक में जैसे ही नायब सिंह सैनी का नाम सीएम पद के लिए आया तो कद्दावर नेता अनिल विज नाराज हो गए और तुरंत चले गए. अब हर तरफ यही चर्चा है कि आखिर नायब सिंह सैनी में ऐसा क्या है जो उन्हें मुख्यमंत्री का पद मिल गया. आइए जानते हैं उनका राजनैतिक सफर…
सैनी ओबीसी चेहरा हैं
नायब सिंह सैनी ओबीसी समुदाय से आते हैं और पिछले साल उन्हें हरियाणा बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का विश्वासपात्र माना जाता है। सैनी के पास संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है. 1996 में उन्हें हरियाणा बीजेपी के संगठन में जिम्मेदारी दी गई. इसके बाद साल 2002 में नायब सैनी अंबाला बीजेपी युवा मोर्चा के जिला महासचिव बने।
2005 में नायब सिंह सैनी भाजपा अंबाला युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष बने। इसके बाद नायब सिंह सैनी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्हें बीजेपी हरियाणा किसान मोर्चा का प्रदेश महासचिव भी बनाया गया. वर्ष 2012 में नायब सैनी को पदोन्नत कर अंबाला का जिला अध्यक्ष बनाया गया। 2014 के विधानसभा चुनाव में नायब सिंह सैनी को नारायणगढ़ से टिकट दिया गया और वह जीतकर विधानसभा पहुंचे।
मनोहर लाल के करीबी
नायब सिंह सैनी को मनोहर लाल खट्टर के करीबी होने का भी फायदा मिला. साल 2016 में उन्हें खट्टर के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री बनाया गया था. 2019 के लोकसभा चुनाव में नायब सिंह सैनी को कुरुक्षेत्र से टिकट दिया गया और वह सांसद बन गए। इसके बाद 2023 में उन्हें हरियाणा बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. अब सीएम पद की रेस में नायब सिंह सैनी का नाम सबसे आगे है.
नायब सिंह सैनी को सीएम बनाने की एक और बड़ी वजह
जहां तक नायब सिंह सैनी को यह पद देने की मुख्य वजह की बात है तो दरअसल इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के लिए 370 पार और एनडीए के लिए 400 पार का नारा दिया है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लगातार ओबीसी के मुद्दे पर बीजेपी नेतृत्व को घेरने की कोशिश कर रहे हैं कि ये पार्टी ओबीसी के साथ भेदभाव कर रही है. उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में अत्यंत पिछड़े वर्ग की बड़ी आबादी है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव में कोई जोखिम नहीं लेना चाहती. इसी इरादे से बीजेपी नेतृत्व ने ओबीसी वर्ग से आने वाले नायब सिंह सैनी को सीएम बनाकर कई राज्यों में अपने ओबीसी वोट बैंक को मजबूत करने का काम किया है.