पानीपत. हरियाणा के पानीपत में 13 साल के एक किशोर ने आत्महत्या कर ली। इस खौफनाक कदम के पीछे महज 100 रुपए की कीमत वाली प्लास्टिक की एक बाल्टी है, जिसकी वजह से उसे डांट-फटकार और थप्पड़ पड़े थे। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद लाश को परिजनों के हवाले कर दिया और उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया है। दूसरी ओर बेटे को खोने के बाद मां-बाप के पास पछताने के सिवाय कुछ नहीं बचा है। दोनों रोते-बिलखते बार-बार एक ही बात कह रहे हैं, काश! इतनी मामूली सी बात पर लाडले को नहीं फटकारा होता। हालांकि अब पछताए कुछ नहीं होने वाला।
घटना पानीपत के पसीना मोड़ स्थित एक फैक्टी के लेबर क्वार्टर की है, जहां रह रहे एक परिवार के 13 साल के लड़के ने गुरुवार को आत्महत्या कर ली। गोल फैक्ट्री में बतौर सुपरवाइजर के तौर पर काम कर रहे रवि कुमार नामक शख्स ने बताया कि पिछले करीब चार-पांच महीने से राजकुमार अपने परिवार के साथ रह रहा है। राजकुमार और उसकी पत्नी सोमवती दोनों फैक्ट्री में काम करते हैं।गुरुवार शाम करीब 5 बजे जब सोमवती काम से लौटी तो अचानक दहाड़ मारकर रो पड़ी। उसकी चीख-पुकार सुनकर आसपास मौजूद और लोग भी पहुंच गए। राजकुमार के कमरे में उसका 13 वर्षीय बेटा राहुल फंदे पर लटका हुआ था। आनन-फानन में उसे नीचे उतारा और सिविल अस्पताल ले गए तो वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
उधर, आत्महत्या जैसे खौफनाक कदम के पीछे की वजह के बारे में रवि कुमार की मानें तो राजकुमार की पत्नी सोमवती ने बताया कि बुधवार को उसके बेटे राहुल ने नहाने वाली बाल्टी तोड़ दी थी। इसके बाद उसे डांटा और एक-दो थप्पड़ भी मारे थे। शायद इसी के चलते राहुल ने ऐसा कदम उठाया हो। हालांकि बुधवार शाम के बाद रात और फिर गुरुवार सुबह और दोपहर को राहुल ने परिवार के साथ अच्छे से खाना भी खाया। बाद में अकेला पाकर उसने रस्सी से पंखे के हुक के सहारे फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।