वेटर से 9 लाख की हुई ठगी, हरियाणा साइबर पुलिस ने 10 दिन के भीतर पश्चिम बंगाल किया ठग को काबू
चंडीगढ़. हरियाणा की साइबर टीम ने साढ़े नौ लाख की साइबर ठगी के आरोपी 24 वर्षीय शहरयार (काल्पनिक नाम) को केस दर्ज होने के सिर्फ 10 दिन के भीतर पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। पश्चिम बंगाल के हावड़ा क्षेत्र से साइबर टीम ने अपराधी को ठगी की पेमेंट निकलवाते हुए गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए साइबर ठग के पास से विभिन्न बैंकों के तक़रीबन 11 एटीएम, 2 मोबाइल और 2 सिम, जो सभी फेक आईडी पर खरीदे गए थे, बरामद किए गए। अदालत ने युवक का 4 दिन का रिमांड मिला है और पुलिस आरोपी से गहन पूछताछ कर रही है। ठगी के तक़रीबन 7 लाख 24 हज़ार पुलिस द्वारा बचा लिए गए हैं।
पुलिस अधीक्षक साइबर, अमित दहिया, हरियाणा पुलिस से ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि 30.10.2023 को 1930 पर शिकायत मिली कि पीड़ित ब्रजमोहन पंचकूला में एक निजी होटल में वेटर का काम करते है. इसी दौरान उन्हें कुछ रूपए कि आवश्यकता हुई तो उन्होंने अपने जीजा से पैसे चेक के द्वारा मंगवाए। चेक बैंक में क्लियर होने में थोड़ा लेट हो गया जिस कारण पीड़ित ने ऑनलाइन देहरादून में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया कि ब्रांच का नंबर ढूंढने लगे। इसी दौरान इंटरनेट पर इन्हें एक फेक नंबर मिला और वहीं से पीड़ित इस ठगी का शिकार हुए। पीड़ित से आरोपी ने बातचीत के दौरान बैंक और एटीएम की सभी जानकारी, गूगल पे का पिनकोड व ओटीपी ले लिए जिसके कारण इनके खाते से आरोपी ने साढ़े नौ लाख रुपए निकाल लिए। पीड़ित ने ठगी का अहसास होते ही शिकायत नेशनल साइबर हेल्पलाइन 1930 पर दर्ज करवाई, जहां त्वरित कार्रवाई करते हुए तुरंत 7.24 लाख रुपए बचा लिए। एडीजीपी साइबर, ओ पी सिंह , आईपीएस के आदेशानुसार, इस केस की ज़िम्मेदारी इंस्पेक्टर सूरज चावला को सौंपी गई, जिन्होंने लोकल इंटेलिजेंस व बैंक के डेटा की सहायता से तुरंत रेड हावड़ा पश्चिम बंगाल से आरोपी को गिरफ्तार किया।
एसपी साइबर ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया की प्रदेश के डीजीपी हरियाणा श्री शत्रुजीत कपूर के दिशा निर्देश और एडीजीपी साइबर ओ पी सिंह के पर्यवेषण में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पहली बार बैंक के नोडल अधिकारी को पंचकूला की 112 बिल्डिंग में स्थित साइबर हेल्पलाइन टीम में बैंक के अधिकारीयों को सम्मिलित किया गया है। अधिकतर देखा जाता था की ठगी के बाद बैंक से सुचना आने में समय लगता था जिसके कारण गोल्डन समय निकल जाता था और ठगी के पैसे भी अन्य खातों में ट्रांसफर हो जाते थे, लेकिन इस प्रोजेक्ट की सहायता से अब समय नहीं लगता और तुरंत ही सारी सुचना पुलिस को उपलब्ध हो जाती है। इस केस में भी ऐसे ही हुआ और एचडीएफसी बैंक के नोडल अधिकारीयों से तुरंत साइबर ठग की साड़ी जानकारी और ठगी के रुपयों की स्थिति हमारी टीम को मिली और इस केस में हमने सफलता हासिल की। जल्द ही अन्य बैंकों के नोडल अधिकारी भी साइबर हेल्पलाइन केंद्र में नियुक्त किए जाएंगे और साइबर ठगी को तुरंत प्रभाव से रोकने में हम सक्षम होंगे।
प्रेस कांफ्रेंस में एसपी अमित दहिया, साइबर ने आम जनता ने मीडिया के माध्यम से सबसे निवेदन किया है कि त्योहारों के समय आप किसी भी प्रकार के प्रलोभन से सावधान रहे। किसी भी वेबसाइट पर अपनी बैंक या संवेदनशील जानकारी शेयर ना करें। अपना ओटीपी किसी से शेयर ना करें और ना ही किसी प्रकार के स्क्रैच कूपन के लालच में आएं। यदि आपके साथ साइबर ठगी होती है तो तुरंत अपनी शिकायत 1930 पर दर्ज करवाएं। जितना जल्दी आप अपनी शिकायत दर्ज करवाएंगे। सफलता के चांस उतने अधिक होते है।