Ferozepur Molestation Case: दुराचारी टीचर मालिक के डर से स्कूल में नहीं करता था गंदा काम-ट्यूशन पर बन जाता था शैतान; नाबालिग बच्चियों के Private Parts को लगाता था हाथ, पीड़ित परिजनों और समाजसेवियों की मांग-घिनौने रूप को जल्द लाया जाए सामने
- 25 जून को भाजपा के फिरोजपुर छावनी मंडल प्रधान इंदर गुप्ता ने व्हाट्सऐप्प ग्रुप्स में डाली थी एक प्रतिष्ठित निजी स्कूल के टीचर द्वारा लड़कियों के शोषण के आरोप संबंधी पोस्ट
- 9 दिन से न तो पुलिस ने खुद संज्ञान लिया और न ही राजनेताओं व पीड़ित परिवारों की अपील पर हो रहा गौर, समाजसेवियों की मांग-अगर सच्चाई नहीं है तो इंदर गुप्ता पर भी हो कार्रवाई
फिरोजपुर. पंजाब के फिरोजपुर में एक टीचर द्वारा नाबालिग बच्चियों के शोषण का मामला आए दिन तूल पकड़ता जा रहा है। एक सप्ताह से भी ज्यादा वक्त से चर्चा में चल रहे इस मामले को लेकर अभी तक पुलिस कुछ भी नहीं कर पाई है, वहीं सामाजिक स्तर पर रोज नई बातें सामने आ रही हैं। रविवार को समाजसेवी को हैवानियत की कहानी सांझा करते हुए एक पीड़ित लड़की की मां ने बताया कि छोटी सोच, मगर बड़ी पहुंच वाला यह टीचर स्कूल में एकदम संत बन जाता था। स्कूल की प्रतिष्ठा और मालिक के डर से स्कूल में यह ऐसी कोई गंदी हरकत नहीं करता था, जबकि ट्यूशन पढ़ने जाने वाली लड़कियों के साथ यह बेशर्मी की हद पार करने में कोई कसर नहीं छोड़ता था। लड़कियों के निजी अंगों को हाथ लगाने का बहाना ढूंढता रहता था। दूसरी ओर इस मामले में एक और बड़ी हैरान कर देने वाली बात यह भी है कि समाजसेवी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के फिरोजपुर छावनी मंडल प्रधान इंदर गुप्ता बहुत बड़े तनाव से गुजर रहे हैं। बीते कई दिन से उनका घर से निकलना तक मुश्किल हो चला है। अब समझ से परे की बात तो यह है कि आखिर फिरोजपुर चाहती क्या है? क्यों इस हैवान के असली चेहरे को सबके सामने लाकर न्याय की दिशा में कदम नहीं उठाया जाता?
ध्यान रहे, 25 जून को भाजपा के फिरोजपुर छावनी मंडल प्रधान इंदर गुप्ता ने व्हाट्सऐप्प ग्रुप्स में फिरोजपुर के एक प्रतिष्ठित निजी स्कूल के टीचर द्वारा पिछले करीब 8-9 बरस से नाबालिग बच्चियों का शारीरिक और मानसिक शोषण किए जाने संबंधी एक मैसेज पोस्ट किया था। इसमें लिखा गया था कि हर बार बच्चियां अपनी और घर वालों की बदनामी होने के डर से, पढ़ाई पर फर्क पड़ने के डर से शारीरिक और मानसिक शोषण के खिलाफ आवाज नहीं उठा पाती थी, मगर अब कुछ लड़कियों ने हिम्मत करके एक समाजसेवी के सामने अपनी पूरी बात रखी है। इस हैवान स्कूल टीचर को लेकर जल्द ही पूरा खुलासा किया जाएगा कि यह बड़ी ऊंची पहुंच भी रखता है और इसी पहुंच की वजह से इसके खिलाफ आवाज नहीं उठ रही थी।
इस मैसेज के बाद फिरोजपुर के समाजसेवी और अभिभावक वर्ग में सनसनी फैल गई। यहां तक कि यह मामला राजनैतिक रंगत भी लेता नजर आ रहा है। एक ओर भाजपा नेता ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर सनानी फैला दी थी, वहीं इस मामले में आम आदमी पार्टी के फिरोजपुर ग्रामीण हलके के विधायक एडवोकेट रजनीश दहिया भी पीड़ित नाबालिग बच्चियों के पक्ष में उतर आए हैं। यह अलग बात है कि पिछले 9 दिन से बच्चे-बच्चे की जुबान पर बने इस मामले में न तो पुलिस ने न तो खुद कोई संज्ञान लिया है और न ही विधायक की तरफ से एसएसपी को फोन किए जाने के बाद पुलिस ने कुछ किया है। फिरोजपुर पुलिस हाथ पर हाथ रखकर बैठी है। सूत्रों की मानें तो बहुत बडी पहुंच के चलते पीडित परिवार, समाजसेवी और यहां तक कि पुलिस पूरे दबाव में हैं। पता चला है कि कई परिवारों ने अपने आप को इस मामले से दूर रखने की कोशिश कर डाली थी।
इसी बीच एक समाजसेवी और एक पीड़ित बच्ची की मां की फोन पर हुई बातचीत का एक ऑडियो सामने आया है। इस ऑडियो में महिला ने बताया कि बेटियों के प्रति गंदी सोच रखने वाला टीचर स्कूल में नहीं, बल्कि अपने ट्यूशन सैंटर पर यह हैवानियत करता था। स्कूल में वह एकदम शरीफजादा बनकर रहता था, लेकिन ट्यूशन पर लड़कियों के निजी अंगों को हाथ लगाता था। अश्लील भाषा का इस्तेमाल करता था। उनकी बेटी उस स्कूल में नहीं पढ़ती, जिसमें वह पढ़ाता है। उसकी कुछ सहेलियां जरूर वहां पढ़ती हैं और उन सबसे बात की गई तो उन्होंने बताया कि चाहे स्कूल मालिक के डर की वजह से ही सही स्कूल में यह टीचर ऐसी कोई हरकत नहीं करता था। यह बात मायने नहीं रखती कि स्कूल में उसका व्यवहार कैसा है, बल्कि ट्यूशन पर तो बेटियों के साथ गंदी हरकत करता ही था। हमारी मांग है कि इस टीचर के असली रूप को सामने लाकर जल्द से जल्द इसकी असली जगह पहुंचा देना चाहिए। फांसी दे दी जाए ऐसे घटिया टीचर को।
उधर, सूत्रों के मुताबिक इस मामले को चर्चा में लाने वाले भाजपा नेता इंदर गुप्ता भी कई दिन से तनाव में हैं। पहले तो उन्होंने बहुत बड़ा दावा किया था, लेकिन अब वह एकदम चुप हो गए हैं। इसके पीछे न जाने क्या वजह है? इलाके के समाजसेवियों ने फिरोजपुर पुलिस के वरिष्ठ अधीक्षक और दूसरे सीनियर अफसरों से अपील की है कि जल्द से जल्द इस मामले की सच्चाई सबके सामने लाई जाए। यह साफ किया जाना जरूरी है कि इस मामले में कितनी सच्चाई है। अगर सच्चाई है तो इंदर गुप्ता और पीड़ित बच्चियों के परिवारों से पूरी जानकारी जुटाकर आरोपी को उसकी असल जगह दिखाई जाए और अगर यह दावा झूठा है तो फिर भ्रामक सामग्री प्रसारित करने के आरोप में भाजपा नेता इंदर गुप्ता के खिलाफ पुलिस को बनती कार्रवाई करनी ही चाहिए।