बृज भूषण शरण सिंह को फंसाने वाली नाबालिग लड़की के दादा ने कही बड़ी बात; बोले-हम पापा का भागी क्यों बनें
रोहतक. हरियाणा के रोहतक से शुक्रवार को बड़ी खबर आई है। खबर भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह और महिला पहलवानों के विवाद से जुड़ी है। इस खबर पर गौर करें तो साफ हो गया है कि महिला पहलवानों की तरफ से बृज भूषण शरण सिंह को फंसाने की बड़ी साजिश रची गई है। असल में यौन शोषण का आरोप लगाने वाली नाबालिग लड़की के दादा ने कहा है कि हम पाप के भागी क्यों बनें। बृजभूषण से हमें कोई लेना-देना नहीं।
बता दें कि जनवरी 2023 में भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया था। 18 जनवरी को जंतर-मंतर पर धरना देकर बैठ गए थे। 23 जनवरी को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने एमसी मैरी कॉम की अगुवाई में जांच के लिए निगरानी समिति का गठन किया, जिसमें कमांडर राजेश राजगोपालन, राधिका श्रीमान, बबिता फोगाट, योगेश्वर दत्त और तृप्ति मुरुगुंडे भी शामिल थे। हालांकि कमेटी को चार सप्ताह के अंदर जांच रिपोर्ट दाखिल करनी थी, लेकिन मंत्रालय से दो सप्ताह का वक्त और मांगा। इसके बाद जांच कमेटी ने जांच की। सूत्र बताते हैं कि जांच कमेटी के सामने पहलवान अपने किसी ठोस गवाह को पेश ही नहीं कर पाए, जिसके चलते सैक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप साबित नहीं हो सके। विनेश फोगाट ने जिस कॉम्पिटिशन में गलत तरीके से छूने का आरोप लगाया था, वो उसमें गई ही नहीं थी। इसी के चलते कमेटी बृजभूषण शरण सिंह को क्लीन चिट दे चुकी है।
अप्रैल के अंत में मामला दोबारा तूल पकड़ गया। दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में 28 अप्रैल को दो एफआईआर दर्ज हुई थी। इनमें से एक में रोहतक की एक नाबालिग रैसलर ने बहाने से कमरे में बुलाकर अश्लील हरकत करने का आरोप लगाया। बृज भूषण के खिलाफ धारा 354, 354 ए, 354 डी और धारा 34 के तहत मामला दर्ज किया गया। अब जबकि पॉक्सो कानून में दिल्ली पुलिस बृज भूषण शरण सिंह को क्लीनचिट दे चुकी है तो इस पर संबंधित लड़की के दादा ने संतुष्टि जताई है। उन्होंने कहा कि बृजभूषण सिंह को दिल्ली पुलिस ने क्लीन चिट दी है, यह पुलिस का काम है। पुलिस ने जो भी कार्रवाई की है, सही ही की है। हमें पुलिस पर भरोसा है और हमने सच्चाई बताई है।
उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने (नाबालिग पहलवान लड़की का पिता) ने किसी के बहकावे में आकर यह शिकायत दी थी। यह मामला छेड़छाड़ का नहीं भेदभाव का था। हमारी बच्ची इस मामले में नहीं थी। दिल्ली में हुए मुकाबले में बेटी को हराया तब तो बोला नहीं, अब बहकावे में आकर शिकायत कर दी। हम पाप के भागी क्यों बनें। बृजभूषण से हमें कोई लेना-देना नहीं। जिनके साथ कुछ हुआ है, वो जानें। हमारी बच्ची मोहरा क्यों बने। शुरू में ये तीन लड़कियों का नाम ले रही थी। हमारी बेटी के अलावा दो और कौन हैं, उन्हें सामने क्यों नहीं लाया गया। उनके बारे में स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए। पहली बार जब गलत हुआ, तब ही आवाज उठानी चाहिए थी। उस समय कहती कि यह व्यक्ति दबंगई करता है। इसे हटाओ। इसके होने पर अभ्यास नहीं करेंगे। कैंप में नहीं जाएंगे। यही बात कहनी थी। यह सब न करके इस तरह जाल बिछाया। हमने बेटे को समझाया। इसके बाद बेटे की समझ में बात आई और बयान बदला।