पानीपत. हरियाणा पुलिस के मना करने के बावजूद पंजाब के किसान शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर कूच करने पर अड़े हुए हैं। उन्होंने ऐलान किया है कि पहले दिन 100 किसानों का जुलूस पैदल ही दिल्ली के लिए रवाना होगा। इसे देखते हुए हरियाणा पुलिस ने अंबाला की ओर बैरिकेडिंग बढ़ानी शुरू कर दी है। इस मामले में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली क्या सरकार किसानों को रोक रही है? के सवाल पर कहा है कि किसानों को कौन रोकेगा? यह किसानों का देश है, किसानों का प्रदेश है। किसान जहां चाहें जा सकते हैं और उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना प्रशासन और सरकार की जिम्मेदारी है कि लोगों को परेशानी न हो। उधर, इसी बीच पंजाब में किसानों की पुलिस के साथ झड़प की घटना भी सामने आई है।
बता दें कि हरियाणा पुलिस ने धारा 144 लगाने को लेकर नोटिस चस्पा कर दिया है। शुक्रवार को अंबाला पुलिस के साथ किसानों की बैठक भी हुई। हरियाणा पुलिस ने किसानों के विरोध के जवाब में वाटर कैनन और बख्तरबंद वाहनों को तैनात किया है। असल में 9 दिसंबर को पानीपत में प्रधानमंत्री मोदी की रैली के चलते हरियाणा सरकार किसानों को दिल्ली प्रवास की इजाजत नहीं दे रही है। पुलिस ने हरियाणा-पंजाब के खनुरी और शंभू बॉर्डर पर गश्त बढ़ा दी है। सीमाओं पर 24 घंटे निगरानी रखने के लिए पुलिस जवानों की विशेष ड्यूटी लगाई गई है। ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि पंजाब से आने वाले हर वाहन की गहनता से जांच की जाए। साथ ही ट्रैक्टरों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए।
पंजाब में किसानाें से टकराव मेंं कई पुलिस वाले घायल
उधर, पंजाब के मानसा में भी बुधवार रात किसानों की पुलिस से झड़प हो गई। कम मुआवजा मिलने की वजह से किसान यहां गुजरात-जम्मू पाइपलाइन बिछाने का विरोध कर रहे थे। रात 1 बजे हुई झड़प में किसान और पंजाब पुलिस के 3 SHO घायल हो गए। मानसा के एसपीडी मनमोहन सिंह ने बताया कि करीब 300 किसानों का एक बड़ा कारवां संगरूर से मनसा जा रहा था। भीखी पुलिस की नाकाबंदी के दौरान इंस्पैक्टर गुरबीर सिंह ने उन्हें रोकने की कोशिश की। आरोप है कि किसानों ने उन पर गाड़ी चढ़ा दी। इसके बाद मानसा में किसानों ने फिर पुलिस पर हमला कर दिया।
कुछ और जरूरी पहलू
- दिल्ली मार्च को लेकर किसान नेता सरवन पंधेर ने शभू बॉर्डर से बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि हमने 1 दिसंबर को ही कहा था कि हमारा ग्रुप सारा सामान लेकर पैदल ही बॉर्डर पार करेगा। हम पंजाब से हरियाणा होते हुए दिल्ली जाएंगे। हमारी जो भी जरूरतें हैं, हमने उन्हें हरियाणा के लोगों पर छोड़ दिया है। हमें उनसे पूरी मदद की उम्मीद है।
- हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा और केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू ने बयान दिया था कि अगर किसान दिल्ली चलेंगे तो हमें कोई आपत्ति नहीं होगी। अब इस मामले में कृषि मंत्री राणा ने यू-टर्न ले लिया है। वह कह रहे हैं कि जिस राज्य में आंदोलन है, वहां विकास नहीं हो रहा है।
- किसानों के दिल्ली मार्च पर हरियाणा की गृह सचिव सुमिता मिश्रा ने कहा- आम नागरिकों की सुरक्षा किसी भी सरकार की प्राथमिकता होती है। दिल्ली में अभी इजाजत नहीं मिली है। किसानों से अपील है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी से बात करनी चाहिए, क्योंकि बातचीत से ही मसले सुलझेंगे।