बड़ी खबरभरत चक्र

Court on Brothel Case : देह के सौदागर वकील को जज ने दिखाई औकात; Bar Council को भी पड़ी फटकार

Court on Brothel Case, चेन्नई : तमिलनाडु हाईकोर्ट के जज की उस वक्त आंखें फटी की फटी रह गई, जब देह के एक सौदागर ने उनसे सुरक्षा की मांग की। यह धंधेबाज कोई और नहीं, बल्कि एक वकील है। पता चला है कि वेश्यालय चला रहे इस वकील के खिलाफ बीते दिनों पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी, जिसे चुनौती देने के लिए गंदा धंधा कर रहा वकील हाईकोर्ट पहुंच गया। कोर्ट में जैसे ही उसने अपनी डिमांड रखी, जज का पारा एकदम से हाई हो गया। इसके बाद मद्रास हाईकोर्ट ने न सिर्फ वेश्यालय के लिए प्रोटेक्शन मांगने वाले इस वकील को सजा दी है, बल्कि इसके लिए राज्य की बार काउंसिल को भी फटकार पड़ी है। पढ़ें पूरा मामला…

दरअसल, तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले में स्थित नागरकोइल में एक वकील वेश्यालय चला रहा है। राजा मुरुगन नामक यह शख्स वकील होने के साथ-साथ बी-टैक ग्रेजुएट भी है और उसके पास  है और उसके पास काउंसिल की मैंबरशिप भी है। बीते दिनों मुरुगन ने मद्रास हाईकोर्ट में दो याचिकाएं दायर की थी। इनमें से एक पुलिस की तरफ से दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने के खिलाफ थी तो दूसरी में उसने मांग की थी कि उसके वेश्यालय को सुरक्षा प्रदान की जाए। पुलिस उसके धंधे में टांग न अड़ाए। इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति बी पुगलेंधी की पीठ ने की।

ये मांग अटपटी लगी कोर्ट को

अदालत को याचिकाकर्ता मुरुगन ने बताया कि वह वयस्कों के बीच सहमति से यौन संबंध, परामर्श और 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए चिकित्सीय तेल स्नान जैसी सेवाएं प्रदान करने वाला एक ट्रस्ट चलाता है। ऐसे में उसके खिलाफ पुलिस ने जो कार्रवाई की है, वह गलत है। उसने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी और अपने व्यावसायिक गतिविधियों में पुलिस के हस्तक्षेप को रोकने के लिए एक आदेश की मांग की तो याचिकाकर्ता के औचित्य पर कड़ी असहमति जताई, जो वयस्क सहमति से यौन संबंध के अधिकारों पर आधारित था। याचिका से नाराज होकर अदालत ने मुरुगन को कानूनी शिक्षा की डिग्री और बार एसोसिएशन की सदस्यता के सत्यापन के लिए नामांकन प्रमाण प्रस्तुत करने के लिए हिदायत दी।

वकील को मिली सजा और बार काउंसिल को हिदायत

अतिरिक्त लोक अभियोजक (एपीपी) ने अदालत को सूचित किया कि मुरुगन के पास नामांकन संख्या के साथ बार काउंसिल की पहचान है। हालांकि एपीपी ने यह भी उल्लेख किया कि वह यह सत्यापित करने में असमर्थ थे कि मुरुगन ने वास्तव में कानून की पढ़ाई की है या नहीं। इसके बाद अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया और वकील पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। अदालत ने बार काउंसिल से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि केवल प्रतिष्ठित लॉ कॉलेजों से स्नातक ही अधिवक्ता के रूप में भर्ती किए जाएं। इस बात पर विशेष जोर दिया कि बार काउंसिल के लिए यह महसूस करने का समय आ गया है कि समाज में अधिवक्ताओं की प्रतिष्ठा कम हो रही है। पीठ ने बार काउंसिल से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि भविष्य के सदस्य केवल प्रतिष्ठित संस्थानों से ही नामांकित हों और आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और अन्य राज्यों में कम प्रतिष्ठित संस्थानों से नामांकन प्रतिबंधित करें।

Show More

Related Articles

Back to top button
Hacklinkbetsat
betsat
betsat
holiganbet
holiganbet
holiganbet
Jojobet giriş
Jojobet giriş
Jojobet giriş
casibom giriş
casibom giriş
casibom giriş
xbet
xbet
xbet
grandpashabet
grandpashabet
grandpashabet
İzmir psikoloji
creative news
Digital marketing
radio kalasin
radinongkhai
gebze escort
casibom
casibom
grandpashabet
grandpashabet
casibom güncel giriş
casibom güncel
İstanbul Escort
istanbul masöz
Ataşehir Escort
İstanbul Escort
istanbul oto çekici
sekabet
sekabet giriş
Meritking
casibom
Lisanslı Casino Siteleri
casibom güncel giriş
jojobetdeneme bonusu veren sitelerfethiye escortfethiye escortsweett bonanzavaycasinodeneme bonusu veren sitelertempoobetvaycasinoonwindeneme bonusu veren sitelermarsbahis giriştaraftarium24fethiye escortfethiye escortfethiye escort
Mapseskişehir web sitesiseo fiyatlarıMetafizikMedyumbmw repair edmontonAntika alanlarAntika alanlarAntika alanlarAntika alanlarAntika Eşya alanlarAntika Eşya alanlarantikaİzmir Medyumweb sitesi yapımıvaycasinoAntika mobilya alanlarAntika mobilya alanlardijital danışmanlıkmusallatmarsbahis girişmarsbahis girişmarsbahis girişmarsbahis girişcasibom giriş twittermarsbahismarsbahis giriş twitter